आज शुरू होगी महड़ की चंडिका देवी की देवरा यात्रा
संवाद सहयोगी रुद्रप्रयाग दशज्यूला क्षेत्र के महड़ स्थित मा चंडिका की देवरा यात्रा आज शुरू हा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: दशज्यूला क्षेत्र के महड़ स्थित मा चंडिका की देवरा यात्रा आज शुरू होगी। जिसको लेकर क्षेत्रवासियों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। लगभग नौ माह तक चलने वाली देवरा यात्रा चारों दिशाओं का भ्रमण करती है। वापस लौटने पर जून माह में महायज्ञ व पूर्णाहुति के बाद यात्रा का समापन किया जाएगा।
दशज्यूला क्षेत्र के महड़ गांव में 90 वर्षो बाद होने वाली देवरा यात्रा को लेकर श्रद्धालु मां चंडिका के भव्य स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं। नवरात्र पर मां चंडिका देवी की विशेष पूजा अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यात्रा की शुरुआत होती है। आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत कांडपाल ने बताया कि सात अक्टूबर को महड़ स्थित मा चंडिका के वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजा के बाद देवारा यात्रा की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद विभिन्न गांवों का भ्रमण किया जाएगा। मां चंडिका दशज्यूला देवरा यात्रा समिति के अध्यक्ष धीर सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रवासी भी यात्रा को सफल बनाने में अपना सहयोग दे रहे हैं।
यह है मां की मान्यता
मान्यतानुसार, दक्ष प्रजापति ने एक महायज्ञ किया था। जिसमें शिव-पार्वती को आमंत्रित न करने पर पार्वती बिना निमंत्रण के महायज्ञ में पहुंची थीं। दक्ष प्रजापति शिवजी को गलत शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करते हैं। जिससे क्रोधित होकर मां सती ने उसी यज्ञकुंड में अपनी आहुति देकर प्राण त्याग दिए। जिसके बाद शिव ने अपने गणों को दक्ष प्रजापति को दंड देने का आदेश दिया था। वीरभद्र ने यज्ञ विध्वंस कर दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से अलग कर दिया था। शिवगणों ने वहां विनाश लीला शुरू कर दी थी। इसी विनाशलीला को देखकर इसे शान्त करने के लिए भगवान विष्णु ने बाल रूप धारण किया था। दक्ष प्रजापति के अपराध की क्षमा याचना के उद्देश्य से आज भी बन्याथ में ब्रह्म डोली, फर्श और बलदेव विग्रह को ऐरोला द्वारा सभी भक्तों के घरों में ले जाया जाता है, जहां भक्त मां से छमा याचना कर सुख-समृद्धि और विश् कल्याण की प्रार्थना करते हैं।