तुंगनाथ मंदिर का संरक्षण करेगा एएसआइ

करीब एक हजार साल पुराने तुंगनाथ मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) विभाग अपने संरक्षण में लेने की तैयारी कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Nov 2020 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 06 Nov 2020 03:00 AM (IST)
तुंगनाथ मंदिर का संरक्षण करेगा एएसआइ
तुंगनाथ मंदिर का संरक्षण करेगा एएसआइ

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: करीब एक हजार साल पुराने तुंगनाथ मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) विभाग अपने संरक्षण में लेने की तैयारी कर रहा है। इसकी स्वीकृति प्राप्त होने के साथ ही मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा भी मिल जाएगा। वहीं, मंदिर की दीवारों पर उभरी दरारों को भरने के लिए भी एएसआइ का देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय प्रस्ताव तैयार कर रहा है।

एएसआइ के क्षेत्रीय कार्यालय के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. आरके पटेल के मुताबिक मंदिर के मंडप की स्थिति खस्ताहाल है। यहां दरारों के साथ ही पत्थर भी अपनी जगह से हिल गए हैं। खासकर मंडप की नींव वक्त के साथ कमजोर पड़ गई है। पटेल के मुताबिक एक माह के भीतर प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा। उम्मीद है कि अगले साल अप्रैल तक संरक्षण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

----------

वर्ष 2018 में एएसआइ ने किया था निरीक्षण

तुंगनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार लंबे समय से प्रयास कर रही है। वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने केंद्र को इसके संबंध में प्रस्ताव भेजा था। केंद्र सरकार (संस्कृति मंत्रालय) के निर्देश पर अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. पटेल ने वर्ष 2018 में मंदिर का निरीक्षण किया। उन्होंने मंदिर की स्थिति में सुधार की जरूरत बताई थी। कुछ समय पहले केंद्र ने मरम्मत संबंधी कार्यों पर मुहर लगाते हुए प्रस्ताव तैयार करने को कहा था।

---------------

पत्थरों की ड्राइंग होगी तैयार

अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. आरके पटेल ने बताया कि प्रस्ताव तैयार करने के ही क्रम में एएसआइ की टीम को जल्द तुंगनाथ रवाना किया जाएगा। टीम करीब 10 दिन वहीं रहकर मंदिर का बारीकी से निरीक्षण करेगी। वहां के हर एक पत्थर की ड्राइंग तैयार की जाएगी। ताकि बाद में उन पत्थरों को मूल रूप में ही स्थापित किया जा सके। निर्माण में नए पत्थर का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

-------------

पंच केदार में से एक है तुंगनाथ

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में समुद्रतल से 3460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर पंच केदार में से एक है। इसे तृतीय केदार माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि पांडवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस मंदिर का निर्माण किया था।

chat bot
आपका साथी