आशा कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य परीक्षण पर जताई असमर्थता
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जखोली ब्लाक की आशा कार्यकर्ताओं ने थर्मामीटर से स्वास्थ्य परीक्षण एवं गृह
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जखोली ब्लाक की आशा कार्यकर्ताओं ने थर्मामीटर से स्वास्थ्य परीक्षण एवं गृह भ्रमण सर्वे करने में असमर्थता जताई है। उन्होंने इस संबंध में सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक को ज्ञापन देकर उक्त कार्य के लिए नियमित कर्मचारियों को नियुक्त करने की मांग की है।
आशा संगठन जखोली की सचिव बबीता भट्ट, कुसुम बर्तवाल, सरिता नेगी और दीपा देवी ने प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक को दिए ज्ञापन में कहा कि आशा कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत गांवों में प्रोत्साहन राशि पर तैनात हैं। आशा न तो सरकारी कर्मचारी है और न ही उसे कोई वेतन मिलता है। कोरोना जैसी महामारी के दौर में उनकी बिना सहमति के पहले तो सर्वे कराया गया और अब ग्राम निगरानी समिति के सदस्य के रूप में क्वारंटाइन सेंटरों में निगरानी का काम कराया जा रहा है। बाहरी राज्यों से घर आए युवाओं के स्वास्थ्य परीक्षण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है और ऐसे में आशा कार्यकर्ता और उसका परिवार संक्रमित होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। उन्होंने अब क्वारंटाइन सेंटरों में स्वास्थ्य परीक्षण करने में असमर्थता जताई है। वहीं जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि उनका संगठन आशा कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा है। कोरोना महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कार्य करने वाली आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा होनी जरूरी है। लॉकडाउन में आशाएं कोरोना वॉरियर्स बनकर काम कर रही हैं। वह स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बनी हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग की जारी एडवाइजरी के तहत कोरोना वायरस के बारे में जनजागरूकता अभियान चला रही हैं।