वायु सेना के चिनूक हेलीकाप्टर से केदारनाथ पहुंची आदि शंकराचार्य की 35 टन वजनी प्रतिमा

आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची और 35 टन वजनी प्रतिमा शनिवार को वायु सेना के चिनूक हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचा दी गई। केदारनाथ धाम में मंदिर के पीछे आदि शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 02:45 PM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 02:45 PM (IST)
वायु सेना के चिनूक हेलीकाप्टर से केदारनाथ पहुंची आदि शंकराचार्य की 35 टन वजनी प्रतिमा
आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची और 35 टन वजनी प्रतिमा केदारनाथ धाम पहुंचा दी गई।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची और 35 टन वजनी प्रतिमा शनिवार को वायु सेना के चिनूक हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचा दी गई। इसी माह के आखिर तक यह प्रतिमा शंकराचार्य समाधि स्थल पर स्थापित कर दी जाएगी। इसके लिए पांच मूर्तिकारों की टीम भी बेंगलुरु (कर्नाटक) से केदारनाथ पहुंच गई है।

केदारनाथ धाम में मंदिर के पीछे आदि शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। यहां स्थापित करने के लिए शंकराचार्य की प्रतिमा कर्नाटक से जून में ही गौचर पहुंचा दी गई थी। गौचर से उसे वायु सेना के मालवाहक हेलीकाप्टर चिनूक से तीन हिस्सों में केदारनाथ पहुंचाया गया। समाधि का पुनर्निर्माण कर रही वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि प्रतिमा स्थापित करने के लिए फिलहाल धाम में बेसमेंट तैयार किया जा रहा है। प्रतिमा का निर्माण मैसूर के मूर्तिकारों ने कृष्णशिला पत्थर से किया है।

विदित हो कि वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में आदि शंकराचार्य का समाधि स्थल भी तबाह हो गया था। इससे वहां शंकराचार्य की प्रतिमा को भी भारी नुकसान पहुंचा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत अब धाम में आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। चालू यात्रा सीजन की समाप्ति तक समाधि का निर्माण भी पूरा होने की उम्मीद है।

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दस हजार यात्री कर चुके हैं केदारबाबा के दर्शन

केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बाद अब तक दस हजार से अधिक यात्री केदार बाबा के दर्शन कर चुके हैं। जबकि, चार सौ से अधिक यात्री दो दिन में हेली सेवा से भी बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचे हैं। केदारनाथ यात्रा में बीते 15 दिन में दस हजार से अधिक यात्री दर्शनों को पहुंच चुके हैं। केदारनाथ यात्रा 18 सितंबर को शुरू हुई थी। केदारनाथ के लिए प्रतिदिन आठ सौ यात्रियों के दर्शन की अनुमति है। जबकि, सैकड़ों यात्री गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से दर्शन के लिए यहां पहुंचे। लेकिन, ई-पास न होने के कारण अब तक तीन हजार से अधिक यात्री बिना दर्शन के लौट चुके हैं।

वहीं ई-पास की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से पूरी केदारघाटी में व्यापारी आंदोलन कर रहे हैं। एक अक्टूबर से केदारनाथ के लिए हवाई सेवा भी शुरू हो गई है। पिछले दो दिन में चार सौ से अधिक यात्री केदार बाबा के दर्शन को पहुंच चुके हैं। केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने कहा कि सरकार को केदारनाथ दर्शन करने वालों के लिए ई-पास की अनिवार्यता तत्काल समाप्त करनी चाहिए। वहीं पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा कि यात्री तभी दर्शनों का आए, जब सुनिश्चित हो जाए कि उनके पास ई-पास हो। बिना ई-पास के केदारनाथ दर्शनों को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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