रामलीला मंचन : नमो गंगे तरंगे पाप हारी..

सोरगढ़ महिला रामलीला के तीसरे दिन सूर्पनखा नसिका छेदन का मंचन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 10:27 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 10:27 PM (IST)
रामलीला मंचन : नमो गंगे तरंगे पाप हारी..
रामलीला मंचन : नमो गंगे तरंगे पाप हारी..

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सोरगढ़ महिला रामलीला के तीसरे दिन सूर्पनखा नसिका छेदन का मंचन हुआ। महिला कलाकारों ने शानदार अभिनय कर देर रात तक समां बांधे रखा।

तीसरे दिन की मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा ने दीप प्रज्ज्वलित कर मंचन का शुभारंभ किया। सुमंत के अयोध्या वापस लौटने से शुरू हुए मंचन में राजा दशरथ के राम के वियोग में प्राण त्यागने, चित्रकूट में राम भरत का मिलन, चरण पादुका लेकर वापस लौटने, सूर्पनखा का नसिका छेदन, खर-दूषण का वध आदि प्रसंगों का मंचन हुआ। सीता हरण के साथ मंचन समाप्त हुआ। देर रात दर्शक रामलीला देखने के लिए डटे रहे।

थल: पांचवें दिन रानी कैकेयी के दशरथ से वर मांगने के साथ मंचन प्रारंभ हुआ। इसके बाद राम कैकेयी संवाद, कैकेयी के कृत्य पर वशिष्ठ के फटकार लगाने और राम के वन गमन के द्रवित करने वाले प्रसंग मंचित किए गए। पांचवें रोज अतिथियों के रू प में मिनी बैंक के सचिव प्रकाश महरा, मनोज कुमार, अंकुर सत्याल, भरत सिंह, गणेश दत्त भट्ट मौजूद रहे। वक्ता मैनेजर कृष्ण गोपाल पंत और नरेंद्र सौन ने संचालन किया। मदकोट में भी रामलीला जारी है। ======= अरी तूं पापिन, प्राण खावै आपिन..

जौलजीबी : नेपाल सीमा स्थित जौलजीबी की रामलीला में दूसरे दिन ताड़िका, सुबाहू वध, राम द्वारा अहिल्या का तारण, राम-लक्ष्मण के महर्षि विश्वामित्र के साथ जनकपुर पहुंचने का मंचन किया गया।

काली और गोरी नदियों के संगम स्थल पर काली नदी तट पर मंचित जौलजीबी की ऐतिहासिक रामलीला के दूसरे दिन दर्शकों की भारी भीड़ जुटी। जौलजीबी, ढुंगातोली, तल्लाबड़, मल्लाबगड, गर्जिया, जोग्यड़ा सहित नेपाल से भारी संख्या में दर्शक पहुंचे। मौसम साफ रहने और नदियों का जलस्तर सामान्य होने के कारण दूसरे दिन की रामलीला का मंचन बेहद आकर्षक रहा। व्यापार संघ अध्यक्ष धीरेंद्र धर्मशक्तू ने दीप जलाकर मंचन का शुभारंभ किया। मध्य रात्रि तक चले मंचन में पात्रों के मुधर राग, चौपाइयों ने दर्शकों को बांधे रखा।

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