धारचूला में जागरूकता अभियान में कहा मासिक धर्म के दौरान महिलाओं पर न हो अत्याचार

मासिक धर्म के दौरान पहाड़ की महिलाओं और किशोरियों के साथ किए जाने वाले अत्याचार के खिलाफ धारचूला में जनजागरण किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 03:46 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 03:46 PM (IST)
धारचूला में जागरूकता अभियान में कहा मासिक धर्म के दौरान महिलाओं पर न हो अत्याचार
धारचूला में जागरूकता अभियान में कहा मासिक धर्म के दौरान महिलाओं पर न हो अत्याचार

संवाद सूत्र, धारचूला : मासिक धर्म के दौरान पहाड़ की महिलाओं और किशोरियों के साथ किए जाने अत्याचार के खिलाफ दिल्ली की पावनी संस्था आगे आई है। संस्था की ओर से सीमात छोर में सामाजिक कुरीतियों से दूर रहने के लिए जागरू कता कार्यक्रम चलाया गया।

सामाजिक कार्यकर्ता नंदा बिष्ट की पहल पर ग्वालगांव, विवेकानंद विद्या मंदिर इंका, राजकीय इंटर कालेज बलुवाकोट, खेत और राबाइंका धारचूला में गोष्ठियों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मासिक धर्म के दौरान कुरीतियों के चलते महिलाओं के साथ होने वाले संवेदनहीन व्यवहार पर चर्चा की गई। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं, किशोरियों को गोशाला (गोठ) में रखे जाने को अति निकृष्ट कृत्य बताया गया।

इस मौके पर संस्था के नीरज गैरा ने कहा कि महिलाएं आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसके बाद भी आधुनिक समाज में कई क्षेत्रों में अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं। प्रतिवर्ष देश में चालीस हजार से अधिक महिलाओं की मौत केवल मासिक धर्म के दौरान होती है, जिसका कारण जानकारी का अभाव है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, यह बीमारी नहीं है। समाज को इसके लिए सोच बदलनी होगी।

समाज सेवी नंदा बिष्ट ने सीमांत में मासिक धर्म को लेकर चली आ रही सोच को बदलने के लिए संस्था की जानकारी पर आभार जताया। इस मौके पर महिलाओं को सैनेटरी पैड वितरित किए गए। कार्यक्रम में सभासद जानकी देवी, लक्ष्मी गुंज्याल, अरु णा चंद, माया देवी, बिंदु रौंकली, ममता थापा, लक्ष्मण बिष्ट, निहारिका गब्र्याल, मोहंती देवी, आवती देवी, हरगोविंद बिष्ट, महेश जोशी आदि उपस्थित रहे।

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