लावारिस जानवरों के साथ नगरपालिका पहुंचीं महिलाएं, लगाया जाम
लावारिस जानवरों के आतंक से परेशान पुनेड़ी की महिलाओं ने रोड जाम कर आक्रोश जताया।
पिथौरागढ़, जेएनएन: बेसहारा जानवरों द्वारा फसल, साग-सब्जी चौपट करने से आक्रोश फूट पड़ा । गुस्साई पुनेड़ी की महिलाएं रविवार की सायं लावारिस जानवरों संग नगरपालिका पहुंच गईं। यहां महिलाओं ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। शीघ्र लावारिस जानवरों से निजात नहीं दिलाए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
जिला मुख्यालय में बेसहारा जानवर लंबे समय से लोगों के लिए समस्या बने हुए हैं। दिनभर नगर में घूमकर जानवर रात के समय आसपास के गांवों में पहुंचकर फसल, साग-सब्जी चौपट कर रहे हैं। नगर से लगे पुनेड़ी क्षेत्र में आवारा जानवरों ने साग-सब्जी, फसल चौपट कर दी है। इससे गुस्साई महिलाएं रविवार सांय लावारिस जानवरों को साथ लाकर नगरपालिका पहुंच गईं। रविवार को अवकाश का दिन होने से अधिकारियों के न मिलने पर महिलाओं ने मुख्य सड़क पर जाम लगाकर आक्रोश प्रकट किया। महिलाओं ने कहा कि लावारिस जानवर उनकी वर्षभर की मेहनत को बर्बाद कर दे रहे हैं। पूर्व में भी कई बार लावारिस जानवर उनकी फसलों का नुकसान पहुंचा चुके हैं। शिकायत के बाद भी नगरपालिका इस मामले में मौन साधे हुए है। करीब आधे घंटे बाद पुलिस कर्मियों ने नगरपालिका पहुंचकर जाम खुलवाया। महिलाओं ने कहा कि यदि शीघ्र लावारिस जानवरों से निजात नहीं दिलाई गई तो वह सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे। इस मौके पर भावना देवी, विमला, भागीरथी, सुनीता देवी, कल्पना भट्ट, बबीता, ममता, उप प्रधान सूरज रावत, विक्रम कुमार आदि शामिल थे। ======= नगरीय क्षेत्रों में बेसहारा पशु बने परेशानी का सबब
चम्पावत : जिला मुख्यालय समेत लोहाघाट व टनकपुर नगर में बेसहारा जानवर व्यापारियों और आम लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गए हैं। फल और सब्जी की दुकानों के आस पास घूम रहे इन जानवरों से दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है।
चम्पावत बाजार के अलावा ललुवापानी रोड, एनएच-9 पर बनलेख अमोड़ी आदि स्थानों पर भी इन दिनों बेसहारा जानवरों की संख्या बढ़ गई है। लोहाघाट में टैक्सी स्टैंड से लेकर शिवालय पुल तक जानवरों के कारण जाम भी लग रहा है। बाजार में घूम रहे इन जानवरों को दुकानदार यहां वहां दौड़ाते हैं जिससे पैदल चलने वाले लोगों के साथ दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इधर टनकपुर बाजार के अलावा खटीमा रोड पर जानवरों का हुजूम जमा होने से अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। व्यापारी मुकेश जोशी, सतीश कुमार, सोनू अग्रवाल, भीम सिंह, गिरीश चंद्र आदि ने बताया कि गांवों से कुछ लोग दूध देने में असमर्थ हो चुकी गायों और उनके बछड़ों को बाजार के आस-पास छोड़ रहे हैं। उन्होंने नगर पालिका और प्रशासन से इस प्रकार के लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। बेसहारा मवेशियों का सबसे अधिक आतंक टनकपुर के बाजारों में है। सब्जी मार्केट में अत्यधिक संख्या में गो वंशीय पशुओं का जमावड़ा होने से जाम तो लगता ही है इससे पैदल चलने वाले राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर पालिकाध्यक्ष विपिन वर्मा ने बताया कि कई बार गोवंशीय पशुओं को गोशाला में भेजा जा चुका है, लेकिन इनकी संख्या कम नहीं हो रही है। उन्होंन बताया कि शहरों में गोवंशीय पशुओं को आवारा छोड़ने वाले लोगों की पहचान के लिए प्रशासन के साथ संयुक्त अभियान चलाया जाएगा। ======= गांवों में भी आतंक बरकरार चम्पावत : ऐसा नहीं है कि बेसहारा छोड़े गए पशु नगरीय क्षेत्र में ही परेशानी खड़ी कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इनसे लोग परेशान हैं। दिन के समय पशु आस-पास के जंगलों में रहते हैं, लेकिन शाम होते ही खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई गांवों से इन पशुओं को दूसरे गांवों या फिर नगर की सीमा में छोड़ा जा रहा है, जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। काश्तकारों ने प्रशासन से पशुओं को बेसहारा छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।