अल्काथल-नैनादेवी मोटर मार्ग की दुर्दशा पर भड़के लोग

थल तहसील क्षेत्र के अल्काथल-नैनी देवी मोटर मार्ग पर 17 साल बीतने के बाद भी डामरीकरण नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 10:49 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 10:49 PM (IST)
अल्काथल-नैनादेवी मोटर मार्ग की दुर्दशा पर भड़के लोग
अल्काथल-नैनादेवी मोटर मार्ग की दुर्दशा पर भड़के लोग

संवाद सूत्र, थल: तहसील क्षेत्र के अल्काथल-नैनी देवी मोटर मार्ग पर 17 साल बीतने के बाद भी डामरीकरण नहीं हो सका है। जिस कारण सड़क बेहद जर्जर हाल में है। कई बार सड़क में डामरीकरण करने की मांग के बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिए जाने पर गुस्साए ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर आक्रोश प्रकट किया। साथ ही शीघ्र सड़क की दशा नहीं सुधारे जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

वर्ष 2005 में अल्काथल से नैनी देवी तक छह किमी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य किया गया था, मगर सड़क कटिंग कार्य करने के बाद विभाग ने इसे लावारिश हाल में छोड़ दिया। जिस कारण वर्तमान में सड़क बेहद जर्जर हो चुकी है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। नालियां नहीं होने से बरसात का सारा पानी सड़क में बह रहा है। इससे सड़क रोखड़ में तब्दील हो चुकी है। यह सड़क खोली, कन्यूरी, किमल्टा, धिंगतड़, राजगौड़ा, अल्मिया गांव, ओखलगांव, डुंगरी सहित डेढ़ दर्जन गांवों की हजारों की आबादी को जोड़ती है। सड़क बदहाल होने से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय तक उपेक्षित सड़क की दुर्दशा पर बुधवार को नैना देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रमोद उपाध्याय के नेतृत्व में खोली कन्यूरी के ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शन करने वालों में ग्राम प्रधान राजेंद्र प्रसाद उपाध्याय, कमलेश उपाध्याय, सुंदर सिंह मेहता, सुरेश राम, गणेश राम आदि शामिल थे। ========= सीमा क्षेत्र में बन रही सड़कों से मिल रहा है प्रवासियों को रोजगार

पिथौरागढ़: कोरोना संकट के इस दौर में सीमांत जिले में बन रही सड़कें प्रवासियों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। नेपाल सीमा के कई गांवों में वापस लौटे प्रवासी इन सड़कों पर काम कर अपनी आजीविका चला रहे हैं।

नेपाल सीमा से लगे गांवों के युवा बड़ी संख्या में दिल्ली, मुंबई, बंगलौर जैसे शहरों में छोटे-छोटे काम धंधों में लगे हुए थे। कोरोना संकट के चलते इन्हें वापस लौटना पड़ा है। महानगरों में काम कर अपने परिवार पाल रहे प्रवासियों के गांव लौटने के बाद रोजगार की समस्या बनी हुई थी। इस बीच पीएमजीएसवाई योजना के तहत नेपाल सीमा पर सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो गया। सड़क निर्माण के इस कार्य में बड़ी संख्या में प्रवासियों को फिलहाल रोजगार मिल गया है। इससे इनकी आर्थिक समस्या हल हो रही है। प्रवासियों ने बताया कि मजदूरी कर वे फिलहाल अपना परिवार पाल ले रहे हैं, लेकिन कोरोना संकट जल्द दूर नहीं होता है तो उनके समक्ष रोजगार की समस्या खड़ी हो जाएगी, इन हालात में वे कैसे अपने परिवार पाल पायेंगे यह चिंता बनी हुई है। जिले के लोगों ने ग्रामीणों ने विकास कार्यो को तेज कराए जाने की मांग की है, ताकि लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सके।

chat bot
आपका साथी