ग्रामीणों ने रोड काटने का किया विरोध, धरने पर बैठे

पिथौरागढ़ से धारचूला के मध्य नया बस्ती के पास ध्वस्त सड़क के स्थान पर नए सिरे से रोड कटिंग किए जाने का ग्रामीणों ने विरोध किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:39 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:39 PM (IST)
ग्रामीणों ने रोड काटने का किया विरोध, धरने पर बैठे
ग्रामीणों ने रोड काटने का किया विरोध, धरने पर बैठे

संवाद सूत्र, धारचूला: टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर पिथौरागढ़ से धारचूला के मध्य नया बस्ती के पास ध्वस्त सड़क के स्थान पर नए सिरे से मार्ग बनाना बीआरओ के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। सड़क नए सिरे से काटने के लिए मौके पर बीआरओ अधिकारियों और कर्मियों के पहुंचते ही ग्रामीण भ़्ाड़क गए। ग्रामीणों ने गांव से होते हुए मार्ग काटने का विरोध किया। इस दौरान गांव से भी सभी ग्रामीण मार्ग पर ही धरने पर बैठ गए। किसी भी सूरत में सड़क को गांव से नहीं काटने देने की चेतावनी दी। बीआरओ अधिकारियों का घेराव कर दिया। सूचना मिलते ही राजस्व दल और पुलिस भी मौके पर पहुंची।

गुरु वार की सायं को हाईवे का एक बड़ा हिस्सा टूट कर काली नदी में समा गया। इसी के साथ धारचूला तहसील के दो तिहाई से अधिक क्षेत्र कार् पर्क भंग हो चुका है। नया बस्ती के निकट का यह स्थल बेहद संवेदनशील है। वर्ष 2013 की आपदा के बाद से ही यहां पर खतरा बना हुआ है। वर्ष 2013 में भी यहां पर मार्ग बह गया था। मार्ग से कुछ मीटर ऊपर सल्याड़ी गांव है। यहां पर नए सिरे से ऊपरी हिस्से मार्ग काटना ही विलंब है। गांव के पास से मार्ग काटने पर जल्दी मार्ग खुलने के आसार हैं। नदी की तरफ से मार्ग बनने पर लंबा समय लग सकता है।

शुक्रवार को बीआरओ जब यहां पर मार्ग बनाने के लिए पहुंची तो ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीणों का कहना है कि इस स्थान से मार्ग निर्माण करने पर पूरा गांव खतरे में आ जाएगा। जिस स्थान से मार्ग कटना है वह गांव की भूमि ग्रामीण बता रहे हैं। ग्रामीणों ने यहां से मार्ग काटने का विरोध कर दिया। गांव के समस्त लोग मौके पर पहुंचे और बीआरओ अधिकारियों को जमकर खरीखोटी सुनाई और ग्रामीण सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2013 में भी बीआरओ ने इस स्थान पर सुरक्षा के इंतजाम करने का आश्वासन दिया था परंतु सुरक्षा का कोई कार्य नहीं किया।

ग्रामीणों के विरोध की जानकारी मिलते ही मौके पर धारचूला से तहसीलदार राजस्व दल के साथ और पुलिस दल के साथ पहुंचे हैं। ग्रामीण विरोध में डटे रहे। सायं तक जिलाधिकारी के भी यहां पहुंचने की संभावना है। ====== सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है मार्ग

यह मार्ग सामरिक दृष्टि से अति महत्व का है। यही मार्ग तवाघाट से आगे चीन सीमा लिपुलेख और दारमा घाटी में चीन सीमा से लगे दारमा को जोड़ता है। धारचूला तहसील को शेष जगत से जोड़ने वाला एकमात्र मार्ग है। सायं तक स्थिति यथावत बनी है। प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने पर ही निदान होने की संभावना जताई जा रही है।

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