पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने मुख्यालय पहुंचकर किया प्रदर्शन
लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रहे सुनसेरा के ग्रामीणों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रहे सुनसेरा के ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर कलक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने 10 दिन के भीतर समस्या का समाधान नहीं किए जाने पर अनशन शुरू कर देने की चेतावनी दी।
भीम आर्मी के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि सोन पट्टी के अंतर्गत आने वाले सुनसेरा गांव सहित छह अन्य गांवों के लिए 2015 में पेयजल योजना बनाई गई थी, अन्य गांवों को योजना से पानी मिल रहा है, लेकिन सुनसेरा गांव में पानी नहीं पहुंच पा रहा है, लोग आज भी प्राकृतिक जल स्रोत से अपनी जरू रत पूरी करने को मजबूर हैं। विभाग नियमित रू प से पानी के बिल उन्हें भेज रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पेयजल विभाग के अधिकारियों के समक्ष कई बार समस्या रखी जा चुकी है, लेकिन अधिकारी सिर्फ कोरे आश्वासन दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 10 दिन के भीतर उनकी समस्या का समाधान नहीं होने पर ग्रामीण कलक्ट्रेट के सम्मुख क्रमिक अनशन में बैठ जायेंगे। प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने समस्या से संबंधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। === सड़क के मलबे से खेत पटे, फसल बर्बाद
पिथौरागढ़ : ऑलवेदर सड़क निर्माण के मलबे से काश्तकार की भूमि पट चुकी है। तैयार फसल और फलों के पेड़ नष्ट हो चुके हैं। प्रभावित परिवार ने एनएच से क्षति के मुआवजे की मांग की है।
ऑलवेदर सड़क कटिंग के दौरान गुरना मंदिर के पास सड़क से नीचे मिट्टी फेंक दी गई थी। अत्यधिक बारिश से मिट्टी और मलबा बह गया। मलबा मेलडुंगरी ग्राम पंचायत के राजस्व गांव थली निवासी धर्मानंद जोशी के खेतों में चला गया और सारे खेत मलबे से पट गए। खेतों में तैयार फसल, फल आदि नष्ट हो गए। खेत कृषि योग्य नहीं रहे। धर्मानंद जोशी द्वारा तैयार किया गया फलों का बाग भी नष्ट हो गया। इस संबंध में प्रभावित काश्तकार ने जिला प्रशासन से शिकायत की। इस शिकायत पर मौके पर पहुंचे पट्टी पटवारी और आपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी आख्या प्रस्तुत की। जिसमें काश्तकार को भारी नुकसान होना प्रमाणित हुआ है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने अधिशासी अभियंता एनएच लोनिवि लोहाघाट को पत्र भेज कर स्पष्ट किया है कि धर्मानंद जोशी के खेत, फसल और फलों के वृक्षों को नुकसान हुआ है। रिपोर्ट भेजे एक माह का समय होने को आया परंतु एनएच ने इस संबंध में कोई पहल नहीं की है। पीड़ित काश्तकार ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी से जांच के बाद खेतों से मिट्टी और मलबा हटाने के लिए उचित मुआवजा और भविष्य में सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए एनएच को आदेशित करने की मांग की है।