कासनी क्षेत्र में बेकाबू हुई जंगल की आग

पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के नजदीकी कासनी क्षेत्र के जंगलों में लगी आग बेकाबू हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 10:28 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 10:28 PM (IST)
कासनी क्षेत्र में बेकाबू हुई जंगल की आग
कासनी क्षेत्र में बेकाबू हुई जंगल की आग

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय के नजदीकी कासनी क्षेत्र के जंगलों में लगी आग बेकाबू हो गई। डेयरी और सैन्य क्षेत्र की ओर बढ़ रही आग को फायरब्रिगेड ने मशक्कत कर काबू किया।

जिला मुख्यालय से पांच किमी. दूर कासनी क्षेत्र के जंगलों में बीती रात्रि आग लग गई। तेज हवाओं के चलते आग जल्दी ही भीषण हो गई। नजदीक ही स्थित आंचल डेयरी के कार्मिकों ने इसकी सूचना वन विभाग और फायरब्रिगेड को दी। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी नरेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में पहुंचे फायर कर्मी आन सिंह परिहार, पुष्कर सिंह, छत्तर सिंह, सौरभ कुंवर, सुनील कुमार की टीम ने कड़ी मशक्कत कर आग को डेयरी और सैन्य क्षेत्र की ओर बढ़ने से रोक लिया। आग बुझाने में तीन घंटे का समय लगा। समय रहते आग पर काबू पा लेने पर क्षेत्र के लोगों ने फायरब्रिगेड का आभार जताया। ======== एसएसबी जवानों ने बुझाई जंगल में लगी आग

संसू, डीडीहाट/थल (पिथौरागढ़): 11वीं वाहिनी एसएसबी के जवानों ने फिट इंडिया मूवमेंट के दौरान जंगलों में लगी आग बुझाई। एसएसबी ने जंगलों की आग बुझाने के लिए प्रशासन की मदद का निर्णय लिया है।

फिट इंडिया के तहत वाहिनी के जवानों ने 25 किमी का रोड मार्च किया। रोड मार्च के दौरान चौबाटी क्षेत्र के जल देवी मंदिर के निकट के जंगलों में आग धधकी थी। जंगल की आग को देखते हुए एसएसबी के जवान आग बुझाने में जुट गए। जवानों ने जंगल में लगी आग बुझाई। वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी महेंद्र प्रताप ने कहा कि एसएसबी जंगलों की आग बुझाने के लिए प्रशासन और वन विभाग के सहयोग के लिए तत्पर है। इस समय प्रदेश के सभी जंगल जल रहे हैं। जिससे पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। वन्य जीवों को सबसे अधिक खतरा बना हुआ है।

थल : ग्वीरा गांव में जंगल की आग गांव तक पहुंच गई। आग की चपेट में आने से प्रेम सिंह सामंत के नौ घास के लुटे जल गए। दिन में जिस समय यह हुआ उस समय प्रेम सिंह बुखार के चलते घर पर सोया था और पत्नी खेतों में कार्य के लिए गई थी। बुखार के चलते प्रेम सिंह बचाव के लिए कुछ नहीं कर सका और उसकी 27 हजार मूल्य की सूखी घास जल गई। जानवरों के लिए रखा चारा समाप्त होने से समस्या पैदा हो गई है।

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