मानसून काल से पहले ही उच्च हिमालय में हाल-बेहाल

मानसून काल शुरू होने से पहले ही उच्च हिमालय में व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 10:20 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 10:20 PM (IST)
मानसून काल से पहले ही उच्च हिमालय में हाल-बेहाल
मानसून काल से पहले ही उच्च हिमालय में हाल-बेहाल

संवाद सूत्र, मुनस्यारी: मानसून काल शुरू होने से पहले ही उच्च हिमालय में व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई हैं। पैदल मार्ग ध्वस्त पड़े हैं, देश के अंतिम गांव मिलम को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त है। लोग खतरनाक स्थितियों में आवागमन करने को मजबूर हैं। अभी से स्थितियां पटरी से उतर जाने से आपदा प्रबंधन की पोल खुलने लगी है।

तहसील मुख्यालय से लगभग 55 किमी. दूर मापांग में चल रहे सड़क निर्माण के चलते गांव को जोड़ने वाला पैदल मार्ग ध्वस्त हो गया है। मिलम के निकट बना एक पुल भी क्षतिग्रस्त है। माइग्रेशन पर गांवों में पहुंच रहे लोगों के साथ ही जरू री काम से तहसील मुख्यालय आने वाले लोगों को जान हथेली पर रखकर आवागमन करना पड़ रहा है। आवागमन में हो रही परेशानी से इस क्षेत्र के 13 गांवों के लोग परेशान हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जेएस मर्तोलिया ने कहा है कि मार्ग ठीक कराने की जिम्मेदारी लोनिवि, ग्रिफ पर है। अधिकारियों को कई बार इसकी जानकारी दी गई, लेकिन दोनों विभाग ने इसमें कोई रू चि नहीं ली, जिसका खामियाजा अब क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि ग्रिफ और लोनिवि के अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाकर समस्या का समाधान कराया जाए। ======= लगातार हो रही बारिश से एनएच पर बने डेंजर जोनों में बढ़ा हादसों का खतरा

चम्पावत : मंगलवार की रात से बुधवार की सुबह आठ बजे तक जिले के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में बादल जमकर बरसे। सबसे अधिक 181 एमएम बारिश बनबसा में दर्ज की गई जबकि सबसे कम 40 एमएम बारिश पाटी विकास खंड में हुई। चम्पावत विकास खंड में 95 और लोहाघाट में 63 एमएम बारिश हुई। लगातार हो रही बारिश से पिथौरागढ़ से टनकपुर तक ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान बने डेंजर जोन फिर से सक्रिय हो गए हैं।

एडीएम टीएस मर्तोलिया ने बताया कि लोहाघाट से घाट तक एवं चम्पावत से टनकपुर तक ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान बने डेंजर जोन फिर से खतरनाक हो चले हैं। बारिश का पानी दरकी चट्टानों में घुसने से ब्लास्ट हो रहा है और बोल्डरों के साथ मलबा सड़क पर आ रहा है। बताया कि यह स्थिति काफी खतरनाक है। धूप निकलने के बाद भीगी चट्टानों के ब्लास्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने लोगों से बिना जरूरी काम के एनएच पर यात्रा न करने की सलाह दी है। इधर लगातार हो रही बारिश से चम्पावत की उत्तरमुखी गंडकी और नागनी नदी तथा लोहाघाट की लोहावती नदी के अलावा अन्य बरसाती नाले भी उफान पर आ गए हैं। टनकपुर में हुई बारिश से आमबाग के पास भराड़ा देवता मंदिर के समीप सड़क का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया जिससे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। बाद में विधायक कैलाश गहतोड़ी के निर्देश के बाद लोनिवि ने सड़क को आवागमन के लायक बना दिया। पूर्णागिरि मार्ग पर बाटनागाड़ के पास भी सुबह मलबा आ गया, जिसे विभाग ने हटाकर आवागमन सामान्य कर दिया है।

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