ग्रामीणों ने नशे का बताया बड़ी समस्या
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ स्वयंसेवी संस्था सोच का अपना गांव संवारे अभियान मंगलवार को धारचूला
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: स्वयंसेवी संस्था सोच का अपना गांव संवारे अभियान मंगलवार को धारचूला तहसील के तल्ला छारछुम गांव से शुरू हुआ। ग्रामीणों ने नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को गांव के लिए बड़ा खतरा बताया।
सोच संस्था के अध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने अभियान की रू परेखा करते हुए कहा कि गांवों में जाकर समस्याओं को सुनना इनके समाधान के लिए ग्रामीणों के सहयोग से एक रणनीति तय करना है। गांव में हुई बैठक में ग्रामीणों ने गांवों में शराब की बढ़ती प्रवृत्ति को खतरनाक बताते हुए कहा कि सरकार और राजनैतिक दल इस मामले में उदासीन रवैया अख्तियार किए हुए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षकों की कमी से ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। शिक्षण व्यवस्था की कमी से पूरी पीढ़ी बर्बाद हो रही है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। ग्रामीणों ने पानी, बिजली, संचार जैसे तमाम मसले उठाए। संस्था के अध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए सामाजिक आंदोलनों की दरकार है। शराब जैसी सामाजिक बुराई ऐसे ही आंदोलनों से दूर हो सकती है। बैठक में पूरन ग्वाल, दिनेश चलाल, नेत्र सिंह फिरमाल, विनीता देवी, मधु, बीना, देवकी सहित तमाम ग्रामीण मौजूद थे।
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