भारत-नेपाल सीमा पर आपदा से हुए नुकसान का आंकलन करने को नहीं पहुंची टीम, आक्रोश
पिथौरागढ़ स्थित भारत नेपाल सीमा पर स्थित सेल गांव में आपदा से हुए भारी नुकसान का आकलन करने के लिए टीम नहीं पहुंची।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : भारत नेपाल सीमा पर स्थित सेल गांव में आपदा से हुए भारी नुकसान का आंकलन करने के लिए कोई पहल नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने गांव में ही प्रदर्शन कर आक्रोश जताया।
सामाजिक कार्यकर्ता जगत सिंह की अगुवाई में प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि आपदा के चलते कई घरों के आंगन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पेयजल योजना क्षतिग्रस्त होने से आपूर्ति ठप है। ग्रामीण दूषित जल का उपयोग करने को बाध्य हैं। सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। खेतों में मलबा भर जाने से फसल बर्बाद होने के साथ ही खेत अब खेती के लायक नहीं बचे हैं। गांव के तमाम पैदल रास्तों का नामोनिशान मिट गया है। ग्रामीणों को खड़ी चट्टानों को पार कर आवागमन करना पड़ रहा है। गांव में हुए नुकसान की सूचना प्रशासन को दे दी गई थी, चार दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने ग्रामीणों की सुध लेने के लिए कोई पहल नहीं की है। प्रदर्शनकारियों ने राजस्व टीम गांव भेजकर क्षति का आंकलन कराए जाने की मांग की है।
इधर, जमराड़ी गांव में आपदा के चलते पेयजल लाइन, सिंचाई गूल क्षतिग्रस्त हो गई हैं। खेतों तक पानी नहीं पहुंचने से किसान धान की रोपाई नहीं लगा पा रहे हैं। गांव के सुरेश राम, गोविंद सिंह, कल्याण राम, सुरेश सिंह, डिगर सिंह के घरों को आपदा से नुकसान हुआ है। ग्राम प्रधान कविता महर ने गांव में आपदा से हुए नुकसान का आंकलन कराए जाने की मांग की है।
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रं कल्याण संस्था ने सीएम को सौंपा ज्ञापन
संसू, धारचूला : बीते दिनों की बारिश से धारचूला नगर में बढ़ रहे खतरे को देखते निराकरण की मांग पर रं कल्याण संस्था के संरक्षक पूर्व मुख्य सचिव एनएस नपलच्याल, पूर्व महासचिव कृष्ण रौतेला, महासचिव डा. विक्रम सिंह रौंकली ने सोमवार को देहरादून में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। धारचूला में भूकटाव से हो रहे खतरे को संज्ञान में लेकर सारी स्थिति से अवगत कराया। इस मौके पर धारचूला की स्थिति का जायजा लेने का अनुरोध किया। संस्था के अनुरोध पर सीएम ने समय मिलते ही धारचूला जाकर स्थिति का जायजा लेने का आश्वासन दिया है।