मानसून सक्रिय होने से पूर्व ही जवाब देने लगी मुनस्यारी की सड़कें

मानसून सक्रिय होने से पूर्व ही मुनस्यारी की सड़कें जवाब देने लगी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 10:21 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 10:21 PM (IST)
मानसून सक्रिय होने से पूर्व ही जवाब देने लगी मुनस्यारी की सड़कें
मानसून सक्रिय होने से पूर्व ही जवाब देने लगी मुनस्यारी की सड़कें

जासं, पिथौरागढ़: मानसून सक्रिय होने से पूर्व ही मुनस्यारी की सड़कें जबाव देने लगी हैं। मुनस्यारी को जोड़ने वाले थल-मुनस्यारी और जौलजीबी- मुनस्यारी मार्ग हल्की बारिश में ही बंद हो जाती हैं। सड़कें बंद होने से तीन तहसीलों सहित उच्च हिमालयी जोहार घाटी अलग-थलग पड़ जाती है। थल-मुनस्यारी और जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग एक दर्जन से अधिक स्थानों पर खतरनाक बना है।

थल-मुनस्यारी और जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग मुनस्यारी की लाइफ लाइन हैं। लोनिवि संचालित थल-मुनस्यारी मार्ग 72 किमी तो बीआरओ संचालित जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग 66 किमी लंबा है। दोनों मागरें के प्रवेश में ही मार्ग अधिकांशतह बंद हो जाते हें। थल-मुनस्यारी मार्ग पर नाचनी के पास नया बस्ती, हरड़िया, रातीगाड़ तो नासूर बन चुके हैं। हरड़िया नामक स्थान पर पुल का निर्माण होना है। इसके अलावा इस मार्ग पर कक्कड़ सिंह बैंड, गिनी बैंड, वनिक, रातापानी, कालामुनि और बिटलीधार के मध्य और मुनस्यारी के निकट नया बस्ती के पास मार्ग बंद होते रहते हैं।

दूसरी तरफ जौलजीबी-मदकोट-मुनस्यारी मार्ग पर बरम से आगे लुम्ती, मौरी, छोरीबगड़, घिंघरानी, फगुबवाबगड़, भदेली, कैँथी वैड, दरकोट संवेदनशील हैं। यह मार्ग जून माह की बारिश से एक पखवाड़े तक बंद रहा। तेजम और बंगापानी से लेकर चीन सीमा से लगे उच्च हिमालयी मल्ला जोहार के अंतिम गांव मिलम तक नागरिकों, आइटीबीपी, सेना, बीआरओ के लिए सारे सामान की आपूर्ति इन मार्गों से ही होती है। अधिकांशतह भारी वाहन थल -मुनस्यारी मार्ग पर चलते हैं । जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है।

========= तीन तहसील हो जाती हैं प्रभावित थल-मुनस्यारी और जौलजीबी -मुनस्यारी मार्गों के बंद होने पर तीन तहसीलें प्रभावित हो जाती हैं। थल-मुनस्यारी मार्ग बंद होने से तेजम तहसील तो जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग बंद होने से बंगापानी तहसील भी अलग-थलग पड़ जाती हैं। ========== आंतरिक मार्गो की हालत बदतर मुनस्यारी क्षेत्र की आंतरिक सड़कों की हालत बदतर है। मदकोट-बोना, मदकोट -जोशा, गांधीनगर, मुनस्यारी-हरकोट, गिनी बैंड-समकोट, नौलड़ा मार्ग, मदकोट-दारमा, मुनस्यारी -मिलम निर्माणाधीन मार्ग, नाचनी- बांसबगड़, कक्कड़ सिंह बैंड-होकरा, बांसबगड़-कोटा पंद्रहपाला, बांसबगड़- माणीधामी, बंगापानी-जाराजिबली, नाचनी-सुंदरीनाग जैसी सड़कें पूरे मानसून काल में बंद रहती हैं। ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर कई किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। ========= जिलाधिकारी ने दिए हैं सख्त निर्देश जिलाधिकारी आनंद स्वरू प ने इस वर्ष सड़क से जुड़े विभागों को मानसून काल में मार्ग लंबे समय तक बंद नहीं रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। इस संबंध में प्रति सप्ताह वर्चुअल बैठक कर सड़क निर्माण विभागों को निर्देश दिए जा रहे हैं। बीते दिनों संबंधित उपजिलाधिकारियों और तहसीलदारों को समय-समय पर सड़कों के निरीक्षण के भी निर्देश दिए गए हैं।

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