बिन व्यवस्था कैसा सेवा का अधिकार
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सरकार ने आम लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ त्वरित देने के लिए
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सरकार ने आम लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ त्वरित देने के लिए सेवा का अधिकार अधिनियम लागू किया हुआ है, लेकिन व्यवस्थाओं की कमी के चलते लोगों को अपने अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में तहसीलदार नहीं होने से भूमि के दाखिल खारिज का काम पिछले ढाई माह से ठप पड़ा हुआ है। जीवन भर की कमाई से जमीन खरीदने वाले लोग अब मालिकाना हक हासिल करने के लिए परेशान हैं।
जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद तहसील के माध्यम से भूमि की दाखिल खारिज होती है यानी भूमि सरकारी रिकार्ड में संबंधित व्यक्ति के नाम दर्ज होती है और इसके बाद ही जमीन खरीदने वाले को भूमि पर मालिकाना हक मिलता है। दाखिल खारिज की कार्रवाई पूर्णकालिक तहसीलदार के माध्यम से ही होती है। पिथौरागढ़ तहसील में पिछले ढाई माह से तहसीलदार नहीं हैं, जिसके चलते दाखिल खारिज की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। लोग जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए तहसील के चक्कर काटने को मजबूर हैं। जिले की 12 तहसीलों में नहीं हैं तहसीलदार पिथौरागढ़: सीमांत जिला मुख्यालय में पिथौरागढ़ तहसील ही नहीं बल्कि एक दर्जन तहसीलों में तहसीलदार नहीं हैं। केवल मुनस्यारी तहसील में तहसीलदार की तैनाती हुई है। उन्हें कई तहसीलों का जिम्मा सौंपा गया है। जिला मुख्यालय के साथ ही अन्य तहसीलों में भी जमीन के दाखिल-खारिज के काम नहीं हो पा रहे हैं। इससे जिले भर की जनता परेशान है और लोगों में व्यवस्था के खिलाफ गहरा आक्रोश है। नहीं बन पा रहे हैं भवन प्लान पिथौरागढ़: जनपद में अधिकांश लोगों ने मकान बनाने के लिए अपनी जीवन भर की कमाई से जमीन खरीदी हैं। जमीन पर मालिकाना हक मिलने के बाद ही भवन प्लान पास हो सकता है। भवन प्लान पास होने के बाद ही बैंक मकान बनाने के लिए लोन स्वीकृत करते हैं। दाखिल खारिज नहीं होने से सारी कार्रवाई लटकी हुई है। पिथौरागढ़ तहसील के तहसीलदार अक्टूबर माह में सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद पूर्णकालिक तहसीलदार की तैनाती नहीं हो पाई है। दाखिल खारिज में दिक्कत आ रही है। जिलाधिकारी को जानकारी दे दी गई है। एसके पांडे, एसडीएम सदर