आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन और पुनर्वास के लिए 10.50 करोड़ रुपये अवमुक्त

सीमांत की चार तहसीलों के आपदा प्रभावितों का विस्थापन और पुनर्वास होने वाला है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:19 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:19 PM (IST)
आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन और पुनर्वास के लिए 10.50 करोड़ रुपये अवमुक्त
आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन और पुनर्वास के लिए 10.50 करोड़ रुपये अवमुक्त

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: सीमांत की चार तहसीलों के आपदा प्रभावितों का विस्थापन और पुनर्वास होने वाला है। विगत कई वर्षो से खतरे में बीच रह रहे लोगों के विस्थापन और पुनर्वास के लिए शासन ने साढ़े दस करोड़ धनराशि अवमुक्त कर दी है।

यह जानकारी देते हुए पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल ने बताया कि धारचूला, मुनस्यारी, बंगापानी और डीडीहाट तहसीलों 171 परिवारों का विस्थापन होगा। उन्होंने बताया कि जिले के आपदा संभावित गांवों की भूगर्भीय जांच होगी। चुफाल ने बताया कि बीते दिनों की बारिश से उच्च हिमालय में फंसे अधिकारियों और ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर से निकाला जा रहा है। ============= केंद्र सरकार कराएगी विश्व प्रसिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा का सुंदरीकरण

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में स्थिति पाताल भुवनेश्वर गुफा के दिन जल्द फिरेंगे। केंद्र सरकार इस गुफा का सुंदरीकरण कराएगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने गुफा के साथ ही जिले के दो मंदिर और ध्वज मंदिर तक रोप-वे लगाने का प्रस्ताव उत्तराखंड से मांगा है।

प्रदेश के पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह से मुलाकात की। उन्होंने सीमांत जिले के धार्मिक पर्यटन स्थलों की जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री को दी। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा का महत्व बताते हुए कहा कि गुफा को देखने के लिए देश- विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं। इसके सुंदरीकरण की आवश्यकता है। पेयजल मंत्री ने सीमांत जिले के जयंती मंदिर में रोप वे लगाए जाने और पौराणिक सूर्य मंदिर और मलयनाथ मंदिर के सुंदरीकरण की मांग भी केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री के सम्मुख रखी। केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री पाताल भुवनेश्वर गुफा के सुंदरीकरण और अन्य कायरें के प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे जाने को कहा।

पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल ने बताया कि जल्द ही गुफा और मंदिरों के सुंदरीकरण के साथ ही ध्वज मंदिर तक रोप वे लगाने का कार्य होगा। इससे सीमांत जिले में पर्यटन विकास की गति तेज होगी।

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