पिथौरागढ़ में पांच माह बाद स्कूलों में लौटी रौनक

लंबे समय बाद खुले विद्यालयों में पहले दिन 38 प्रतिशत विद्यार्थी ही पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:38 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:38 PM (IST)
पिथौरागढ़ में पांच माह बाद स्कूलों में लौटी रौनक
पिथौरागढ़ में पांच माह बाद स्कूलों में लौटी रौनक

जासं, पिथौरागढ़/मुनस्ययारी : लंबे समय बाद खुले विद्यालयों में पहले दिन 38 प्रतिशत विद्यार्थी ही पहुंचे। जिले के कुल 230 विद्यालयों में से 226 में पठन पाठन हुआ। 21010 विद्यार्थियों में से पहले दिन 7296 विद्यार्थी ही उपस्थित हुए। 43 प्रतिशत विद्यार्थियों ने आनलाइन पढ़ाई की।

सोमवार को विद्यालय खुलने के पहले दिन विद्यार्थियों की संख्या कम रही, परंतु स्कूल पहुंचे बच्चों में खासा उत्साह दिखा। इस संबंध में जब छात्र- छात्राओं से पूछा गया तो उनका कहना था कि लंबे समय बाद विद्यालय खुलना अच्छा रहा। कुछ विद्यालयों में काफी कम विद्यार्थी पहुंचे तो दूरदराज के कुछ विद्यालयों में अच्छी खासी संख्या में विद्यार्थी पहुंचे। इस संबंध में छात्र मोहित ने कहना था कि कोविड के चलते विद्यालय बंद होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विद्यालय खुलना अच्छी पहल है। इस बीच साथ के सहपाठियों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा था। लंबे समय बाद जहां साथ के सहपाठियों से भेंट हुई । विद्यालय में आकर पढ़ने से सुकून मिला।

छात्रा रजनी का कहना था कि अभी तक आनलाइन पढ़ाई चल रही थी परंतु नेटवर्क की समस्या आती थी। कक्षाओं में सहपाठियों के साथ पढ़ना और शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाना बहुत ही अच्छा लगा। अधिकांश छात्राओं का कहना था कि अब नियमित कक्षाएं चलती रहे तो अच्छा होता।

मुख्य शिक्षाधिकारी अशोक जुकरिया ने बताया कि पहले दिन जिले के 226 विद्यालय खुले। पहले दिन खुले विद्यालयों में छात्र संख्या 96 प्रतिशत है। जिसमें 38 प्रतिशत विद्यार्थी उपस्थित हुए। मंगलवार से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जाएगी। सभी स्कूलों का सैनीटाइजेशन किया गया है।

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ट्राली से रामगंगा नदी पार कर पढ़ने पहुंची छात्राएं नाचनी : बागेश्वर जिले के छह गांवों के छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए रामगंगा नदी पर लगी ट्राली से पिथौरागढ़ के राइंका नाचनी में पढ़ने पहुंचीं। नाचनी में पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलें की सीमा पर रामगंगा नदी बहती है। नदी पर बना पुल जुलाई 2018 में बह चुका हैं। यहां पर विकल्प के रू प में ट्राली लगाई गई है। इस ट्राली को रस्सी खींच कर आरपार होते हैं। बागेश्वर जिले के छह गांवों के बच्चे नाचनी में पढ़ते हैं। बच्चे इस खतरनाक ट्राली से नाचनी आकर पढ़ते हैं। बच्चों को नदी आर पार कराने के लिए उनके अभिभावक रस्सी खींचने नदी किनारे तक आते हैं। इस खतरनाक ट्राली से दो गिर कर दो लोगों की मौत हो चुकी है। एक दर्जन लोग घायल हो चुके हैं। प्रतिदिन आवाजाही करने वाले लोगों के हाथों में रस्सी खींचने से पडे़ छाले ठीक नहीं होते हैं। इसी ट्राली से विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए आना पड़ रहा है।

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