झूलाघाट में नहीं होगा रामलीला मंचन, हवन के साथ अखंड रामायण का पाठ
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संवाद सूत्र, झूलाघाट : कोविड 19 के चलते विगत 118 वर्षों से लगातार मंचित झूलाघाट में रामलीला मंचन नहीं करने का निर्णय लेते हुए अखंड रामायण पाठ और हवन कर रामलीला का समापन किया गया।
नेपाल सीमा से लगे झूलाघाट में विगत 118 वर्षों से नियमित रामलीला मंचन होता आया है। इस बार कोरोना को लेकर रामलीला मंचन पर संदेह बना हुआ था। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष कैलाश भट्ट गुरु जी ने रामलीला मंचन को लेकर पदाधिकारियों और गणमान्य लोगों के साथ बैठक की। बैठक में इस वर्ष की स्थिति को देखते हुए रामलीला मंचन नहीं करने का निर्णय लिया गया। रामलीला कमेटी द्वारा मंचन नहीं करने के फैसले के बाद शुक्रवार को रामलीला मैदान में अखंड रामायण पाठ का फैसला लिया गया। शुक्रवार से अखंड रामायण पाठ चला और शनिवार को इसका हवन के साथ समापन किया गया। हवन के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
अखंड रामायण पाठ और हवन में कैलाश चंद्र भट्ट, सदानंद भट्ट, परमानंद पंत, भोला दत्त जोशी, सुमित नरियाल, रमेश कलखुड़िया, भुवन जोशी, भुवन भट्ट, पप्पू थापा, हेम चंद्र पंत, मोहन भट्ट, हरि बल्लभ भट्ट, प्रकाश डिक्टिया, महेश शर्मा, भैरव डिक्टिया, जगदीश भट्ट, राहुल भट्ट, दशरथ खड़ायत, जानकी कापड़ी, राजेंद्र भट्ट मदन भट्ट, जीवन भट्ट, हरीश भट्ट सहित अन्य रामभक्त शामिल रहे।