नेपाल सीमा पर रामलीला मंचन, पहले दिन हुआ रामजन्म

काली और गोरी नदियों के संगम स्थल पर ज्वालेश्वर महोदव के प्रांगण में जौलजीबी की रामलीला का मंचन शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:36 PM (IST)
नेपाल सीमा पर रामलीला मंचन, पहले दिन हुआ रामजन्म
नेपाल सीमा पर रामलीला मंचन, पहले दिन हुआ रामजन्म

संवाद सूत्र, जौलजीबी: काली और गोरी नदियों के संगम स्थल पर ज्वालेश्वर महोदव के प्रांगण में नेपाल की सीमा से लगे जौलजीबी की रामलीला का मंचन प्रारंभ हो गया है। पहले दिन की रामलीला में रामजन्म तक का मंचन किया गया।

धारचूला तहसील क्षेत्र में एकमात्र जौलजीबी में ही रामलीला का मंचन हो रहा है। विगत 62 वर्षो से आयोजित जौलजीबी रामलीला मंचन अपने आप में अनुूठी मानी जाती है। यहां पर भारत के अलावा नेपाल के भी दर्शक ही नहीं अपितु रामलीला के पात्र भी रहते हैं। विगत 62 वर्षों में मात्र बीते वर्ष कोरोना के चलते रामलीला का मंचन नहीं हो सका था। इस वर्ष रामलीला मंचन को लेकर जनता में गजब का उत्साह बना हुआ है। पहले दिन की रामलीला में गणेश पूजन के बाद नदी, सूत्रधार, राक्षसों के आतंक से परेशान देवगणों का ब्रह्मा, विष्णु और महेश से आराधना, राजा दशरथ का संतान यज्ञ और रामजन्म तक का मंचन किया गया।

प्रथम दिन की रामलीला में सूत्रधार का अभिनय रोशन भट्ट नटी मन्नू बोहरा, शिव कमलेश जोशी, पार्वती- निमेश दास, रावण- दिनेश बिष्ट, दशरथ सुमित जोशी, सुमंत- नितिन जंगपांगी और नारद-आयुष भट्ट ने निभाया। रामलीला प्रबंध समिति के धीरेंद्र धर्मशक्तू और हरीश ओझा ने बताया कि रामलीला मंचन के दौरान शांति व्यवस्था स्थानीय कमेटी के स्वयंसेवक संभाले हैं। इस वर्ष रामलीला मंचन को एक नया रंग दिया गया है। आने वाले दिनों के मंचन को देखने भारत और नेपाल के भारी संख्या में दर्शकों के पहुंचने की संभावना है। ======= सीता हरण तक की लीला का हुआ मंचन

लोहाघाट : नगर से लगी ग्राम सभा कर्णकरायत में रामलीला में धूम मची हुई है। रामलीला के पांचवें दिन पंचवटी में सूर्पणखा का प्रवेश से लेकर राम द्वारा सोने के मृग के वध तक की लीला का मंचन किया गया। पंचवटी में सूर्पणखा भेष बदल कर राम लक्ष्मण को रिझाते हुए मेरा रूप देख कर चंद्रमा मुस्कुरा गयो है को दर्शकों ने खूब सराहा। लक्ष्मण ने क्रोधित होकर सूर्पणखा नासिका काट दी। रावण का मरीच भवन में प्रवेश, खर दूषण वध,राम द्वारा स्वर्ण मृग वध, सीता हरण तक की लीला का मंचन किया गया। रामलीला देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक पहुंच रहे हैं। देर रात तक दर्शकों ने रामलीला का आनंद उठाया। समिति के अध्यक्ष कैलाश फत्र्याल ने अतिथियों का स्वागत किया।

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