बंगापानी, धारचूला और मुनस्यारी में बारिश ने मचाई तबाही

जेएनएन पिथौरागढ़ सीमांत की तीन तहसीलों में बारिश का कहर जारी है। धारचूला बंगापानी तहसील क्ष्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Jul 2019 10:41 PM (IST) Updated:Sat, 13 Jul 2019 10:41 PM (IST)
बंगापानी, धारचूला और मुनस्यारी में बारिश ने मचाई तबाही
बंगापानी, धारचूला और मुनस्यारी में बारिश ने मचाई तबाही

जेएनएन, पिथौरागढ़: सीमांत की तीन तहसीलों में बारिश का कहर जारी है। धारचूला, बंगापानी तहसील क्षेत्रों में 133.40 एमएम वर्षा हुई तो मुनस्यारी में 53 एमएम बारिश ने कहर मचाया है। जौलजीवी-मदकोट-मुनस्यारी मार्ग में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर मलबा आ चुका है। नाले सड़क पर बह रहे हैं। धारचूला के सिनियाखोला गांव में एक गोशाला मलबे में दब गई है और जानवर दबे हैं। खुम्ती कटौचा मे पुल बह चुका है। गिरगांव में एक परिवार को वन विभाग की चौकी में शिफ्ट कर दिया है। सिरतोला में 12 परिवार और मदकोट 11 परिवारों ने मकान छोड़ दिए हैं। आलम दारमा में भारी भूकटाव से मकान हवा में लटके हैं। बेरीनाग के उडियारी में भी एक मकान ध्वस्त हो गया है। परिवारजनों ने घर से बाहर दौड़ लगा कर जान बचाई।

बंगापानी, धारचूला और मुनस्यारी तहसीलों में बारिश कहर जारी है। बंगापानी और धारचूला तहसील क्षेत्रों में शुक्रवार की रात को 133.40 एमएम वर्षा हुई। वर्षा शनिवार को भी जारी है। सिरतोला, आलम दारमा, बनिक, गिरगांव, बसंतकोट व सिरतोला में सारे मकान खतरे में आ चुके हैं। ग्रामीणों ने मकान छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। सिरतोला गांव में पूरे अस्सी परिवार संकट में हैं जिसमें आसन्न संकट में आ चुके 11 परिवारों ने मकान छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। मदकोट-बल्थी-बौना मार्ग, सिरतोला मार्ग, मुनस्यारी- डांडाधार-भराड़ी मार्ग, जौलजीवी- मदकोट-मुनस्यारी मार्ग छिन्न भिन्न हो चुके हैं। सभी पैदल मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं।

बारिश का सबसे अधिक कहर गोरी नदी घाटी गोरीछाल में बरम से लेकर मुनस्यारी तक हुआ है। तहसील बंगापानी के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में पैदल मार्ग पुलिया बहने से गांवों का एक दूसरे से सम्पर्क भंग हो चुका है। मदकोट में पशु अस्पताल से लेकर शिशु मंदिर के बीच लगभग छह सौ मीटर क्षेत्र धंस गया है। पांच दर्जन से अधिक परिवार खतरे में आ चुके हैं। 11 परिवारों ने मकान छोड़ दिए हैं। मुनस्यारी तहसील के गिरगांव में तीन मकान खतरे में हैं परिवारों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। गांधीनगर में लाली राम का मकान पूरी तरह खतरे में आ चुका है। पेयजल लाइनें बहने से पेयजल संकट बन चुका है। गोरी, मंदाकिनी, सेरा नदियों सहित सभी नाले पूरे उफान पर हैं।

जौलजीवी -मदकोट मार्ग पर बरम के पास पहाड़ की तरफ से लगातार पत्थर गिर रहे हैं। जौलगाड़ सड़क पर बह रही है। सभी मार्ग बंद होने से तहसील बंगापानी और मुनस्यारी का कुछ हिस्सा अलग-थलग पड़ चुका है।

============ मदकोट में इन परिवारों ने छोड़े मकान

1. हयात सिंह, 2. हरी राम 3. भवान सिंह भंडारी, 4. कुंती देवी, 5. मालती देवी, 6. जयंती देवी, 7. मंगल राम, 8. खड़क सिंह, 9. मनोहर सिंह, 10. जगत सिंह, 11. पान सिंह।

सिरतोला में इन्होंने छोडे़ मकान -

़1. हुकुम सिंह, 2. लक्ष्मण सिंह 3. गोपाल सिंह, 4. त्रिलोक सिंह, 5. इंद्र सिंह, 6. विक्रम सिंह, 7. कुंदन सिंह, 8. मोहन सिंह, 9. केदार सिंह, 10. पुष्कर सिंह, 11. गोविंद सिंह।

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