मांगों को लेकर पीआरडी जवानों ने फिर पकड़ी आंदोलन की राह
सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पीआरडी जवान भी आंदोलन में कूद पड़े हैं।
संवाद सहयोग, पिथौरागढ़: सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पीआरडी जवान भी आंदोलन में कूद पड़े हैं। जवानों ने चेतावनी दी है जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
आंतरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण सहयोग देने वाले पीआरडी जवानों ने बुधवार को कलक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन करते हुए कहा कि वर्ष 1947 में गठित पीआरडी का विभागीय ढांचा आज तक लागू नहीं किया गया है। पीआरडी जवानों से आंतरिक सुरक्षा के साथ ही माली, कुक जैसे तमाम कार्य लिए जा रहे हैं। महंगाई के इस दौर में नाममात्र का मानदेय उन्हें दिया जा रहा है। मानदेय बढ़ोतरी के नाम पर उनके साथ मजाक हो रहा है। विभागीय ढांचा लागू करने के नाम पर उन्हें कई दशकों से गुमराह किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि अब इस उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल्द उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। प्रदर्शन का नेतृत्व पीआरडी संगठन की अध्यक्ष दीपा सामंत ने किया। प्रदर्शन में कई जवान शामिल रहे। प्रदर्शन के बाद प्रशासन के माध्यम से मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया। ======= इंप्लाइज यूनियन का का धरना दूसरे दिन भी जारी
टनकपुर : उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के कर्मचारियों ने परिचालक पद से लिपिक पद पर पदोन्नति के लिए बनाई गई चयन समिति को स्थगित करने के विरोध में दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने कहा कि पदोन्नति को लेकर बनाई गई चयन समिति स्थगित कर निगम ने उनका उत्पीड़न किया है। जिससे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। क्षेत्रीय मंत्री हुकुम चंद ने कहा कि यह नियम के विरूद्ध है, जो कर्मचारियों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि जबतक इस पर कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। इस मौके पर क्षेत्रीय अध्यक्ष कपिल त्रिपाठी, वीरेंद्र पुरी, रंजीत सिंह, जमुना प्रसाद, भगवान सिंह, देंवेंद्र सिंह, राजकुमार राणा, आरके, जगतार, नरेंद्र पाल, ओमप्रकाश शर्मा, सर्वेश कुमार, किशोर तड़ागी आदि मौजूद रहे।