विरोध का अनोखा अंदाज : मुफ्त में संतरा और माल्टा चाहिए तो आइए उमडाडा गांव
रोड के अभाव में उमडाडा के ग्रामीणों ने मुफ्त में संतरे और माल्टा देने का एलान किया है।
संवाद सूत्र, मदकोट: काश्तकारों की आमदनी दोगुनी करने के लाख दावे किए जाते हो, लेकिन हकीकत अभी कोसो दूर है। सड़कों के अभाव में काश्तकार अपने उत्पादन को बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। मेहनत बेकार चली जाने से खिन्न उमडाडा गांव के लोगों ने जिले के लोगों माल्टा, संतरा, नीबू मुफ्त में देने का एलान किया है।
मदकोट बाजार से सात किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पर स्थित उमडाडा गांव में संतरा, माल्टा, नींबू बहुतायत में होता है, लेकिन ग्रामीण अपने उत्पादन को बाजार तक नहीं पहुंचा सकते हैं। समस्या है गांव का आज तक सड़क से नहीं जुड़ पाना। सड़क तो दूर गांव पहुंचने के लिए ढंग का पैदल मार्ग भी नहीं है। ग्रामीण चट्टानों को पारकर गांव तक पहुंच पाते हैं। ऐसे में खड़ी ढलान से उत्पादन को बाजार तक ला पाना संभव नहीं है।
ग्रामीण पुष्कर सिंह, केदार सिंह, पान सिंह कोरंगा ने बताया कि गांव तक अश्व मार्ग भी हो तो ग्रामीण उत्पादन को बाजार तक ला सकते हैं। पथरीली चट्टानों पर लोगों का पैदल चलना ही मुश्किल है। ऐसे में उत्पादन को ढोना संभव नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि इस हाल में किसानों की आमदनी दोगुनी होने से रही। जिसके तहत ग्रामीणों ने अनोखे अंदाज में विरोध जताया है। इसी समस्या के चलते ग्रामीणों ने अपना उत्पादन निश्शुल्क देने का एलान किया है। ग्रामीणों ने कहा है कि जिले का कोई भी व्यक्ति गांव में आकर संतरा, माल्टा, नींबू जितना चाहे उतना निश्शुल्क ले जा सकता है। ======= मड़कनाली के आंदोलनकारियों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी
गंगोलीहाट: मड़कनाली-सुरखाल पाठक सड़क की मांग को लेकर चल रहा ग्रामीणों का क्रमिक अनशन 139वें दिन भी जारी रहा। आंदोलन की कोई सुध नहीं लिए जाने से नाराज ग्रामीणों ने अब आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है।
शनिवार को आनंद सिंह भंडारी और राजेंद्र सिंह भंडारी क्रमिक अनशन में बैठे। उनके समर्थन में विक्रम सिंह, ललित सिंह, केशर सिंह, राजेंद्र सिंह, भगवान सिंह, हयात सिंह, पुष्कर सिंह धरने में बैठे। धरना स्थल पर हुई बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि वे लंबे समय से दस किमी. सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार ने उनकी मांग नहीं सुनी है। उनके बाद उठने वाली सड़कों की मांग पूर्व में ही पूरी हो चुकी है। ग्रामीणों ने कहा कि 139 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं होने से साफ है कि सरकार ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर कतई संवेदनशील नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी मांग पर जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो वे आमरण अनशन शुरू कर देंगे।