मार्ग की बदहाली से आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन

पिथौरागढ़ नगर के प्रवेश द्वार ऐंचोली से निराड़ा तक बनी लिंक रोड की बदहाली से क्षेत्र के लोग बहुत आक्रोशित हैं। लागों ने विभागीय उदासीनता के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Jan 2020 03:51 AM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 06:15 AM (IST)
मार्ग की बदहाली से आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन
मार्ग की बदहाली से आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: नगर के प्रवेश द्वार ऐंचोली से निराड़ा तक बनी लिंक रोड की बदहाली से खिन्न क्षेत्रवासियों ने सोमवार को कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। क्षेत्रवासियों ने सड़क सुधारीकरण नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

कलक्ट्रेट पहुंचे क्षेत्रवासियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि ऐंचोली से निराड़ा तक एक दशक पूर्व लिंक रोड बनाई गई थी। सड़क का निर्माण कराने के बाद विभाग इसकी सुध लेना ही भूल गया है। कच्ची सड़क बदहाल स्थिति में पहुंच गई है। सड़क पर जगह-जगह जलभराव होने गया है। कीचड़ से पटी सड़क पर पैदल चलना भी लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। कई बार मांग करने के बाद भी सड़क सुधारीकरण की दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है। मजबूर होकर क्षेत्रवासियों को प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ा है। इसके बाद भी सड़क की हालत नहीं सुधारी जाती है तो क्षेत्र के लोग उग्र आदोलन के लिए बाध्य होंगे।

प्रदर्शन करने वालों में गोविंद सिंह रावत, प्रेम सिंह, रमेश भट्ट, ललित देवलाल, भूपेंद्र नाथ, पीताम्बर लेखक, केदारनाथ, डिगरदेव भट्ट, गोविंद देवलाल, त्रिलोक राणा, शेखर जोशी, लक्ष्मण सिंह बोहरा, देव सिंह दानू, गणेश देवलाल आदि शामिल थे। प्रदर्शन के बाद जिला कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया।

उधर विकासखंड कनालीछीना के अंतर्गत लमड़ाघाटी क्षेत्र आजादी के सात दशक बाद भी सड़क सुविधा से वंचित है। इस क्षेत्र को सड़क से जोड़ने की कवायद पिछले 15 वर्षो से चल रही है। अब तक पांच बार सर्वे कार्य भी हो चुका है। गुड़ौली से लमड़ाघाटी क्षेत्र तक सड़क बनाए जाने के लिए वर्ष 2005 में प्रस्ताव बनाया गया था। पिछले 15 वर्षो में इस सड़क के लिए पांच बार सर्वे की जा चुकी है, लेकिन अभी तक यह सड़क कागजों से बाहर नहीं आई है। सड़क नहीं होने से ग्रामीण तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार कर सड़क तक पहुंच पाते हैं। सड़क के अभाव में क्षेत्र की बड़ी आबादी पलायन कर चुकी है। मजबूर लोग ही गांव में टिके हुए हैं। ग्रामीणों को गांव में किसी के बीमार पड़ने पर सबसे बड़ी दिक्कत झेलनी पड़ती है। डोली में मरीज को डालकर सड़क तक पहुंचाने में होने वाली परेशानी का अंदाज लगाया जा सकता है। समय पर अस्पताल तक नहीं पहुंच पाने के कारण कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है। राज्य सभा सदस्य प्रतिनिधि एवं क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता हरीश उपाध्याय ने कहा है कि सड़क निर्माण के लिए कई बार लोक निर्माण विभाग और प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई है। उन्होंने नौ फरवरी तक इस मामले में कोई पहल नहीं होने पर अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है।

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