लोनिवि की लापरवाही कहीं जीवन पर न पड़ जाए भारी

विकासखंड बेरीनाग क्षेत्रांतर्गत रामगंगा नदी पर बना झूलापुल विगत तीन वर्षाें से जर्जर है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:14 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:14 PM (IST)
लोनिवि की लापरवाही कहीं जीवन पर न पड़ जाए भारी
लोनिवि की लापरवाही कहीं जीवन पर न पड़ जाए भारी

संवाद सूत्र, थल : विकासखंड बेरीनाग क्षेत्रांतर्गत रामगंगा नदी पर बना झूलापुल विगत तीन वर्षाें से खस्ताहाल है। झूलापुल में दो वर्ष पूर्व किया गया डामर उखड़ चुका है। दो दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों की लाइफ लाइन इस पुल से ग्रामीण जान जोखिम में डाल आवागमन करने को मजबूर हैं। मानसून काल शुरू होने वाला है, ऐसे में लोनिवि की लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है।

पांच दशक पूर्व विकासखंड बेरीनाग व कनालीछीना के अगड़ियागाड़ा, जालड़ी, मुसगांव, रोटन, पिलखी, मायल, रीठा रैतोली, अनोली, पनोली, बगनियागाड़ा समेत एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों के आवागमन के लिए नैनी कैदारेश्वर में रामगंगा नदी पर झूलापुल बनाया गया। देखरेख के अभाव में वर्तमान में यह जर्जर हो चुका है। पुल की देखरेख का जिम्मा लोनिवि पिथौरागढ़ के पास है। दो वर्ष पूर्व लोनिवि ने इसकी मरम्मत की थी और गड्ढों पर नई लोहे की चादर डाल डामरीकरण किया था। वर्तमान में फिर यह जर्जर हो चुका है। डामर उखड़ने से लोहे की चादर टूट गई हैं और पुल में गड्ढे बन चुके हैं। इस कारण यहां हर समय बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है। मानसून काल में रामगंगा नदी उफान पर रहती है। ऐसे में लोनिवि की उदासीनता कभी भी बड़े हादसे को दावत दे सकती है। पूर्व प्रधान आदित्य मोहन बोरा, ग्राम प्रधान ममता भट्ट, संजय खनका का कहना है कि शिकायत के बाद भी विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यदि अविलंब पुल को दुरु स्त नहीं किया गया तो क्षेत्र की जनता उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी।

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वर्जन

झूलापुल के स्थलीय निरीक्षण के लिए अवर अभियंता को भेजा जा रहा है। निरीक्षण के दौरान जो भी खामियां सामने आएंगी, उन्हें दुरु स्त किया जाएगा।

-सुनील कुमार, सहायक अभियंता लोनिवि।

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