जिले में बारिश जारी, सोलह सड़कें बंद

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: सीमांत में वर्षा का दौर जारी है। रात से ही हो रही भारी बारिश से

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Aug 2018 04:07 PM (IST) Updated:Mon, 13 Aug 2018 04:07 PM (IST)
जिले में बारिश जारी, सोलह सड़कें बंद
जिले में बारिश जारी, सोलह सड़कें बंद

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: सीमांत में वर्षा का दौर जारी है। रात से ही हो रही भारी बारिश से जिले में जनजीवन प्रभावित हो चुका है। जौलजीवी -मुनस्यारी मार्ग यातायात के लिए बंद है । थल -मुनस्यारी मार्ग चार घंटे बंद रहा। इसके अलावा सोलह सड़कें यातायात के लिए बंद हो चुकी हैं। मौसम के चलते तेरहवां कैलास मानसरोवर यात्रा दल तीसरे दिन भी पिथौरागढ़ में ही फंसा रहा।

रविवार सायं से मध्य रात्रि तक आसमान ने कुछ राहत दी । रात्रि को हल्की वर्षा हुई सोमवार सुबह से लगातार बारिश हो रही है। दिन भर वर्षा जारी रही । थल-मुनस्यारी मार्ग में रातीगाड़ के पास मलबा आने से मार्ग चार घंटे बंद रहा। सुबह दस बजे के आसपास मार्ग को छोटे वाहनों के लिए खुल सका है। वहीं जौलजीवी -मुनस्यारी मार्ग घिंघरानी के पास बंद है। मार्ग बंद होने के कारण घंटों फंसे रहे वाहन वापस लौट गए हैं। जिसके चलते मदकोट क्षेत्र के वाहन आज क्षेत्र से बाहर नहीं निकल सके। जौलीगाड़ के पास भी पत्थर गिर रहे हैं।

जिला मुख्यालय के कुसौली के आदर्श नगर कालोनी में धनी सिंह के मकान का आंगन बह गया है। मकान पूरी तरह खतरे में आ गया है। डीडीहाट तहसील क्षेत्र में भी कई मकान खतरे में आ चुके हैं। नगर में जल संस्थान पंप हाउस के निकट एक विशाल पेड़ धराशाई हो गया जिसके चलते मार्ग पर आवाजाही ठप हो गई है। लगातार बारिश से बाजारों में चहल पहल कम रही और यातायात भी प्रभावित रहा।

कैलास मानसरोवर यात्रा दल नहीं भर सका उड़ान

सुबह से ही मौसम खराब रहने से तेरहवें कैलास मानसरोवर यात्रा दल के यात्री गुंजी को नहीं उड़ सके । मौसम खराब रहने से हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पाए।

व्यास घाटी से सम्पर्क भंग

उधर धारचूला तहसील क्षेत्र में तवाघाट- घटियाबगड़ मार्ग तीनतोला के पास बंद है। कैलास मानसरोवर यात्रा का पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने से चीन सीमा से लगी व्यास घाटी का सम्पर्क भंग है। काली नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। सीमांत में दोपहर के बाद बारिश का वेग बढ़ चुका है। अलबत्ता गोरी, सरयू और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर अभी स्थिर है। धारचूला में व्यास घाटी में मनाए जाने वाले धामिक पर्वो को मनाने के लिए ग्रामीण अपने गांवों तक नहीं जा पा रहे हैं।

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