कलमबंद हड़ताल में डटे रहे मनरेगा कर्मी

स्थाईकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत मनरेगा कर्मी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 11:04 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 11:14 PM (IST)
कलमबंद हड़ताल में डटे रहे मनरेगा कर्मी
कलमबंद हड़ताल में डटे रहे मनरेगा कर्मी

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: स्थाईकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत मनरेगा कर्मी दूसरे दिन भी हड़ताल में डटे रहे। कर्मचारियों ने पिथौरागढ़ और बेरीनाग में प्रदर्शन कर आक्रोश जताया।

जिला मुख्यालय में विकास भवन के समक्ष प्रदर्शन करते हुए मनरेगा कर्मियों ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक से सेवाएं दे रहे मनरेगा कर्मचारियों की सरकार उपेक्षा कर रही है। स्थाईकरण, ग्रेड पे, स्वास्थ और बीमा सुविधा की मांग कर रहे मनरेगा कर्मियों को सिर्फ कोरे आश्वासन दिए जा रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे आंदोलन को तेज करने के लिए बाध्य होंगे। पूर्व विधायक मयूख महर, ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष श्याम सुंदर सौन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर, ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन के पंकज पंत ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया।

बेरीनाग: मनरेगा कर्मचारियों ने कुलदीप बोहरा की अगुवाई में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने कहा कि लंबे समय से हो रही उपेक्षा को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार उनकी मांगों को शीघ्र नहीं मानती तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में गोविंद मियांन, गोविंद राम, रमेश चंद्र, प्रकाश भट्ट, प्रकाश पंत आदि शामिल थे। कर्मचारी दूसरे दिन भी कलमबंद हड़ताल पर रहे। ====

जीएसटी की विसंगतियां दूर करने की मांग

धारचूला : उद्योग व्यापार मंडल धारचूला ने केंद्रीय वित्त मंत्री को ज्ञापन भेज कर जीएसटी विसंगतियां दूर कर व्यापारियों की समस्याओं के निराकरण की मांग की है। इस आशय का ज्ञापन भेजा है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि जीएसटी नियमावली में व्यापक संशोधन के चलते वर्तमान समय में व्यापार करना संभव नहीं है। जिसे लेकर वित्त्त मंत्री से समस्याओं के निराकरण की मांग की है। व्यापारियों ने एमनेस्टी स्कीम तुरंत लाने, पचास लाख की बिक्री करने पर व्यापारी को आउटपुट टैक्स का एक प्रतिशत ही जमा करने का प्रावधान करने, कर की दर शून्य प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत करने, रिवाइज्ड रिटर्न का प्रावधान करने, जीएसटी में सजा का प्रावधान समाप्त करने, गलत राशि भरने पर रिफाइंट समायोजन करने, कामन सर्विसेज पर दिए गए जीएसटी का इनपुट दिए जाने, सीमित क्षेत्र में बिकने वाले ब्रांड को शून्य जीएसटी की श्रेणी में रखने, तिलहन, तेल और मसालों को शून्य जीएसटी की श्रेणी में शामिल करने की मांग की गई है।

व्यापार संघ अध्यक्ष बीएस थापा के नेतृत्व में महासचिव नवीन खर्कवाल, प्रकाश गुंज्याल, नेत्र कुटियाल, राजेश कुटियाल, अनवंत सिंह, राजीव कोहली, दीवान गुंज्याल, भीमराज नबियाल, लक्ष्मण कौशल, श्याम चंद्र खर्कवाल, प्रद्युम्न गब्र्याल, ओपी वर्मा, ओमकार सूद, योगेश गब्र्याल, विरेंद्र नबियाल, राजू परमार, डंबर पतियाल आदि ने तहसील कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा।

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