नेपाल के जुलाघाट में भूस्खलन से झूलाघाट कस्बे और अंतरराष्ट्रीय पुल को खतरा
भारत-नेपाल सीमा पर नेपाली बाजार के किनारे भूस्खलन जारी है।
संवाद सूत्र, झूलाघाट: भारत-नेपाल सीमा पर नेपाली बाजार के किनारे भूस्खलन जारी है। रात भर पहाड़ी के तरफ से गिरे मलबा और बोल्डरों के शोर से दोनों देशों के लोग सो नहीं पाए। मात्र दो सौ मीटर दूर अंतरराष्ट्रीय झूला पुल को भी खतरा बना हुआ है।
सोमवार की रात भारत के झूलाघाट बाजार से मात्र तीन सौ मीटर की दूरी पर काली नदी के दूसरी तरफ नेपाल में शेरा जाने वाले मार्ग पर भूस्खलन होने लगा। यहां पर काली नदी के पाट संकरें हैं। नेपाल की तरफ हुए भूस्खलन के चलते बड़े-बड़े बोल्डर काली नदी में गिरते रहे। बोल्डरों के गिरने से भारत और नेपाल के झूलाघाट और जुलाघाट के लोग दहशत में आ गए। भारत के झूलाघाट में नदी किनारे रहने वाले लोग घरों से बाहर निकल गए। नेपाल के जुलाघाट के लोग भी घरों से बाहर निकल गए। इस स्थान पर भूस्खलन होने से भारत और नेपाल के बाजारों को खतरा बना ह्रुआ है । बोल्डर भयंकर आवाज के साथ काली नदी पर गिर रहे हैं।
नेपाल की बाजार से तीन सौ मीटर की दूरी पर कच्चा पहाड़ है। यहां पर मानसून काल में हमेशा बोल्डर गिरते रहते थे। इस वर्ष भूस्खलन प्रारंभ हो गया है। इस पहाड़ी के ऊपर वाले क्षेत्र में सांगुड़ी, प्रुजारा गांव और धौलाली गांव हैं। इन गांवों का पानी इसी पहाड़ पर आता है। सोमवार की रात्रि को हुए भूस्खलन को देखते हुए झूलाघाट थाना पुलिस ने नदी किनारे रह रहे लोगों को सतर्क किया। जिस स्थान पर बोल्डर गिर रहे हैं वहां से मात्र 200 मीटर की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय झूला पुल है। जहां पर तैनात भारत के एसएसबी जवानों, कस्टम कार्यालय और नेपाल के सशस्त्र बल के तैनात जवानों के लिए खतरा बना हुआ है। सोमवार रात से शुरू भूस्खलन मंगलवार को भी जारी रहा।