मनरेगा के बजट से लगेगा आपदा पीड़ितों के जख्म पर मरहम
पिथौरागढ़ जिला पंचायत की बैठक में शुक्रवार को आपदा पीड़ितों की समस्याएं छाई रही।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिला पंचायत की बैठक में शुक्रवार को आपदा पीड़ितों की समस्याएं छाई रही। चार माह बाद भी व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आने पर सदस्यों ने नाराजगी जताई। बैठक में तय हुआ कि मनरेगा के बजट से क्षतिग्रस्त संपत्तियों का पुननिर्माण कराया जाएगा। वन भूमि हस्तांतरण के मामलों में तेजी के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया।
जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा की अध्यक्षता और जिलाधिकारी आशीष चौहान की मौजूदगी में हुई बैठक में जिला पंचायत सदस्यों ने जिले के सुदूर क्षेत्रों की चरमराई चिकित्सा व्यवस्था का मामला उठाया। सदस्यों ने कहा कि धारचूला में तैनात आयुर्वेदिक चिकित्सक और कार्मिकों को अन्यत्र संबंद्ध किया गया है, जिसके चलते दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। सदस्यों ने संबंद्धीकरण खत्म कर चिकित्सकों को उनके मूल तैनाती स्थलों में भेजे जाने की मांग की। सदस्यों ने दूरस्थ क्षेत्रों में संचालित आयुर्वेदिक अस्पताल भवनों का निर्माण कराने, पुराने भवनों की मरम्मत कराए जाने की मांग उठाई। मांगों पर कार्रवाई के लिए जिला आयुर्वेदिक अधिकारी को निर्देशित किया गया।
मानसून काल में आपदा से क्षतिग्रस्त संपर्क मार्ग, दीवारों और निजी आवासों के आंगन की दीवारों को अब तक ठीक नहीं कराए जाने का मामला उठाया। इन कार्यो को मनरेगा से कराए जाने की मांग सदस्यों ने की। जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी ने कहा कि इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों से संबद्ध किए गए शिक्षकों को मूल विद्यालयों में भेजे जाने की मांग सदस्यों ने उठाई। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में 26 विद्यालय शिक्षक नहीं होने से बंद हो गए थे, उन्हें पुन: संचालित करने के लिए अब शिक्षकों की तैनाती कर ली गई है, जल्द ही विद्यालयों का संचालन शुरू हो जाएगा। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि वन भूमि के मामलों का हस्तांतरण तेजी से करने के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जा रही है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष कोमल मेहता आदि मौजूद रहे।