नेपाली पेंशनर्स के लिए तीसरे दिन भी खुले झूला पुल, तीन दिनों में चार करोड़ रुपये पेंशन का हुआ वितरण
नेपाल के पेंशनरों की पेंशन के लिए तीसरे दिन भी अंतराष्ट्रीय झूला पुल खोले गए।
झूलाघाट/धारचूला (पिथौरागढ़), जेएनएन : नेपाल के पेंशनरों की पेंशन के लिए तीसरे दिन भी झ्रूलाघाट, जौलजीबी और धारचूला पुल खुले। इस दौरान ढाई सौ से अधिक पेंशनर्स ने भारत आकर पेंशन ली है। तीन दिन के बीच चार करोड़ रु पए से अधिक की पेंशन का भुगतान किया गया। झूलाघाट में एक पेंशनर को स्ट्रेचर से भारत लाकर पेंशन लेने के बाद स्ट्रेचर से ही नेपाल पहुंचाया गया।
झूलाघाट: शुक्रवार को नेपाल से 211 पेंशनर्स पेंशन लेने आए। इस दौरान उनके साथ उनके सहयोगी भी आए। नेपाल से भारत आने वालों की संख्या 340 रही। जिसमें पेंशनर्स के सहयोगी सहित कुछ अन्य लोग थे। जिसमें से छह लोगों को क्वारंटाइन किय गया। भारत आने वालों की डॉ.कल्पित रौतेला, फार्मासिस्ट हरीश रावत और हेम भट्ट ने जांच के साथ ही नेपाल से लाए प्रमाण पत्रों का परीक्षण किया। नेपाल से आए पेंशनर्स को पुल से बैंक लाने ले जाने में पुलिस एसओ तारा राणा ने अतिरिक्त पुलिस जवान तैनात किए थे। पुल के पास एसएसबी निरीक्षक रणवीर सिंह एसबीआइ के शाखा प्रबंधक कमलेश चंद्र जोशी ने बताया कि शुक्रवार को एक करोड़ पचपन लाख की पेंशन का वितरण किया गया।
जौलजीबी : नेपाल से शुक्रवार को 38 पेंशनर भारत आए। जिसमें 25, पुरुष और 13 महिलाएं शामिल थीं। कुल 14 लाख 75 हजार की पेंशन का वितरण किया गया। नेपाल से आने वाले की पुल पर चिकित्सा टीम द्वारा जांच की गई । इस मौके पर एसएसबी, पुलिस और व्यापार संघ के व्यापारी मौजूद थे। व्यापारियों द्वारा सहयोग दिया गया और नेपाल से आने वाले लोगों की सूची तैयार की गई।
धारचूला : शुक्रवार को कुल पेंशनर्स सहित कुल 81 लोग भारत आए और 76 लोग नेपाल गए। जिसमें पेंशनर्स उनके सहयोगी शामिल रहे। एसबीआइ के अनुसार शुक्रवार को 24 पेंशनर्स को पेंशन दी गई । तहसील कार्यालय के अनुसार सुबह नौ बजे से एक बजे तक नेपाल से 37 पेंशनर और उनके 22 सहयोगी आए। इस दौरान भारत से 19 लोग वापस लौटे। सायं तीन से छह बजे तक नेपाल से भारत 22 लोग आए और भारत से 21 लोग नेपाल गए।