जौलजीबी का अंतरराष्ट्रीय झूला पुल खुला तो नेपाल से अपनी दुल्हन को ले आया दूल्हा सूरज कुमार

जौलजीबी का झूला पुल खुलने के बाद भारतीय दूल्हा सूरज कुमार अपना विवाह रचाने बरातियों संग नेपाल रवाना हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 04:30 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 04:30 AM (IST)
जौलजीबी का अंतरराष्ट्रीय झूला पुल खुला तो नेपाल से अपनी दुल्हन को ले आया दूल्हा सूरज कुमार
जौलजीबी का अंतरराष्ट्रीय झूला पुल खुला तो नेपाल से अपनी दुल्हन को ले आया दूल्हा सूरज कुमार

धारचूला, जेएनएन: कोरोना के कारण भारत नेपाल सीमा पर लाकडाउन के चलते जौलजीबी के दूतीबगड़ निवासी सूरज कुमार को आठ माह बाद सेहरा बांधने को मिला। जौलजीबी में भारत-नेपाल को जोड़ने वाले झूला पुल के खुलने पर सूरज कुमार बरात लेकर नेपाल पहुंचा। नेपाल के उक्कू गांव में फेरे लेकर आया।

सूरज कुमार की शादी नेपाल के उक्कू गांव निवासी युवती के साथ अप्रैल माह में तय हुई। मार्च माह से भारत-नेपाल सीमा सील हो गई थी। वर-वधू को पुल खुलने का इंतजार था। जुलाई माह में पेंशनरों के लिए जौलजीबी पुल तीन दिन के लिए खुला, लेकिन जुलाई माह में लग्न नहीं होने से शादी हो सकी। इधर नवंबर 26 को भारत नेपाल को जोड़ने वाला पुल खुला। समय भी लग्न के माह का था। शादी के लिए गुरु वार के दिन का लग्न मिल गया। जैसे ही पुल खुला तो दूतीबगड़ निवासी सूरज कुमार लगभग 32 बरातियों के साथ बरात लेकर नेपाल पह्रुंचा।

बारात नेपाल में जौलजीबी से लगभग पांच किमी दूर भारत के तल्लाबगड़ स्थित हंसेश्वर मठ के सामने पड़ने वाले नेपाल के उक्कू गांव पहुंची। एक दिवसीय विवाह समारोह संपन्न हुआ । सायं को बरात वापस भारत लौटी है। सूरज कुमार आठ माह पूर्व तय शादी होने से प्रसन्न नजर आया। परिजनों का कहना था कि नेपाल द्वारा लगातार लाकडाउन किए जाने से तय शादी हो पाएगी या नहीं इसे लेकर संदेह बना था। गुरु वार को शादी होने के बाद दूल्हे के गांव में जश्न मनाया गया। इस बीच पुल खुलने से नेपाल की तीन बेटियां भारत की बहू बन कर आ चुकी हैं।

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