पिथौरागढ़ में ठेका प्रथा के विरोध में पर्यावरण मित्रों ने प्रदर्शन कर दिया धरना

पिथौरागढ़ में नगर निकायों में सफाई व्यवस्था के लिए ठेका व्यवस्था को बढ़ावा दिए जाने से नाराज पर्यावरण मित्रों ने बुधवार को प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 11:17 PM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 11:17 PM (IST)
पिथौरागढ़ में ठेका प्रथा के विरोध में पर्यावरण मित्रों ने प्रदर्शन कर दिया धरना
पिथौरागढ़ में ठेका प्रथा के विरोध में पर्यावरण मित्रों ने प्रदर्शन कर दिया धरना

संस, पिथौरागढ़ : नगर निकायों में सफाई व्यवस्था के लिए ठेका व्यवस्था को बढ़ावा दिए जाने से नाराज पर्यावरण मित्रों ने बुधवार को प्रदर्शन कर धरना दिया। पर्यावरण मित्रों ने ठेका व्यवस्था को खत्म नहीं किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले पर्यावरण मित्रों ने नगर पालिका परिसर में प्रदर्शन कर धरना दिया। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि निकायों में सफाई कर्मियों के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं। इन पदों पर नियमित नियुक्तियों की जगह ठेका प्रथा के तहत तैनाती की जा रही है। ठेका प्रथा में सफाई कर्मियों को नाम मात्र के मानदेय पर काम करना होगा। ठेका प्रथा की आड़ में नियमित पदों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ठेका व्यवस्था अविलंब वापस ली जाए अन्यथा की स्थिति में उग्र आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व दर्शन लाल ने किया। धरने के बाद पालिका के अधिशासी अधिकारी के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा गया।

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ठेका प्रथा के खिलाफ पर्यावरण मित्रों का तीन दिवसीय धरना समाप्त

संस, चम्पावत/बनबसा : देवभूमि सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले चल रहा नगर के पर्यावरण मित्रों का ठेका प्रथा के खिलाफ तीन दिवसीय सांकेतिक धरना बुधवार को खत्म हो गया है। इस मौके पर पर्यावरण मित्रों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर उनकी 11 सूत्रीय मागों को पूरा किए जाने की माग की।

बुधवार को तीसरे दिन देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ चम्पावत के अध्यक्ष अर्जुन कुमार व बनबसा के अध्यक्ष प्रमोद रत्‍‌नाकर की अगुआई में पर्यावरण मित्रों ने ठेका प्रथा को समाप्त किये जाने की माग को लेकर तीन दिवसीय धरना समाप्त हो गया है। पर्यावरण मित्रों का कहना है कि 11 सूत्रीय मागों को लेकर हुए धरने का यह द्वितीय चरण है। जिसमे वह ठेका प्रथा समाप्त किये जाने की माग कर रहे थे। उन्होने बताया कि संघ द्वारा उनकी मागों को पूरा किये जाने की माग को लेकर बुधवार को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजा है। धरने देने वालों में महासचिव सनी वाल्मीकि, महेंद्र पाल वाल्मीकि, राजपाल वाल्मीकि, अरूण वाल्मीकि, नरवीर वाल्मीकि, नन्हे लाल वाल्मीकि, विजयपाल वाल्मीकि, राजेन्द्र वाल्मीकि आदि शामिल थे।

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