पिथौरागढ़ में आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया
आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने न्यूनतम 21 हजार वेतन करने की मांग पर पिथौरागढ़ में प्रदर्शन किया गया।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम 21 हजार वेतन लागू करने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा वर्कर्स का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार सातवें दिन भी जारी रहा। आशा वर्कर्स ने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की धमकी दी है।
जिला मुख्यालय में आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले जिलाध्यक्ष इंद्रा देऊपा के नेतृत्व में टकाना रामलीला मैदान में कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष देऊपा ने कहा कि आशा वर्कर्स लंबे समय से काम के बदले मानदेय फिक्स करने की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। कोविड काल में आशा वर्कर्स ने जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दी हैं। महंगाई के इस दौर में आशा वर्कर्स के लिए घर चलाना मुश्किल हो चुका है। बावजूद इसके आशा वर्कर्स की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्हें झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं, मगर अब आशा वर्कर्स सरकार से आर या पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं। यदि शीघ्र उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आशा वर्कर्स उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। डीडीहाट: यहां रामलीला मैदान में आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। इस मौके पर उर्मिला सौन, बसंती सौन, माहेश्वरी पाठक, मुन्नी देवी, राजेश्वरी जोशी, नेहा चंद, हरिप्रिया खड़ायत, सुनीता मनौला, नीरू पाठक आदि शामिल थे। गंगोलीहाट: तहसील परिसर में ब्लॉक अध्यक्ष उमा मेहरा के नेतृत्व में आशा वर्कर्स ने कार्य बहिष्कार जारी रखा। इस मौके पर सुनीता सलोनी, किरण देवी, दीपा देवी, कमला भट्ट, प्रभा भट्ट, बीना मेहरा, दीपा, गीता खाती, सुमन धानिक आदि मौजूद रहे।