जाख पंत में मूसलधार बारिश से सड़क बही

पिथौरागढ़ में सोमवार शाम को जिला मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर स्थित विकासखंड मूनाकोट के जाखपंत क्षेत्र में मूसलधार बारिश से व्यापक नुकसान हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 10:52 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:52 PM (IST)
जाख पंत में मूसलधार बारिश से सड़क बही
जाख पंत में मूसलधार बारिश से सड़क बही

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : सोमवार शाम को जिला मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर स्थित विकासखंड मूनाकोट के जाखपंत क्षेत्र में मूसलधार बारिश से व्यापक नुकसान हुआ है। हालांकि कोई जनहानि की सूचना नहीं है लेकिन कई घरों में पानी घुस गया और खेत मलबे से पट गए। लगभग डेढ़ घंटे तक हुई तेज जाख पंत सड़क का करीब पांच सौ मीटर हिस्सा बह चुका है। आठ गांवों की आपूर्ति करने वाली पेयजल लाइन सहित चार पेयजल लाइन बहने और एक दर्जन से अधिक मकानों में दरारें पड़ने की सूचना है।

एक दिन पूर्व रविवार को पिथौरागढ़ नगर सहित आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई। सोमवार की सायं जिला मुख्यालय से मात्र 15 किमी दूर स्थित जाखपंत क्षेत्र में मौसम का रौद्र रू प देखने को मिला। ग्रामीणो के अनुसार लगभग एक से डेढ़ घंटे तक हुई तेज बारिश का वेग इतना तीव्र था कि लोगों के घरों के आंगन पानी से लबालब भर गए और कई मकानों में पानी घुस गया। घरों में पानी घुसने से काफी सामान बर्बाद हो गया। बारिश के वेग को देखते हुए लोग घरों के अंदर दुबके रहे।

भारी बारिश से जाखपंत गांव के आसपास के सारे नाले ऊफान पर आ गए। नालों और बारिश के पानी से सारा मलबा खेतों पट चुका है। तीस नाली से अधिक खेत बह चुके हैं। गांव के बुजुर्गो का कहना है कि बीते साठ साल में उन्होंने इतनी भंयकर बारिश आज तक नहीं देखी। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में बादल फटा है। गनीमत रही कि किसी तरह की जनहानि और पशुहानि नहीं हुई। कुछ मकानों में दरारें आई हैं। अधिकांश मकानों के आंगन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

जिला भेषज संघ के अध्यक्ष पीतांबर पंत ने बताया कि यदि बारिश कुछ देर और रहती तो व्यापक क्षति की संभावना थी। उन्होंने बताया कि अपने जीवन काल में इतनी भंयकर बारिश उन्होंने कभी नहीं देखी। पंत ने प्रशासन को इसकी सूचना देते हुए राजस्व टीम भेज कर क्षति का आंकलन करने की मांग की है। खेतों में उगी शाक-सब्जी सब नष्ट हो चुकी है। देर सायं तक भी मौसम खराब बना है। ग्रामीण भय के मारे घरों के अंदर जाने से डर रहे हैं।

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