प्रसव के बाद महिला के पेट से निकाला पांच किलो का ट्यूमर

पिथौरागढ़ महिला चिकित्सालय में सोमवार को एक जटिल आपरेशन में महिला का सुरक्षित प्रसव कराने के साथ ही साथ महिला के पेट से पांच किलों का ट्यूमर निकाला गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:46 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:46 PM (IST)
प्रसव के बाद महिला के पेट से निकाला पांच किलो का ट्यूमर
प्रसव के बाद महिला के पेट से निकाला पांच किलो का ट्यूमर

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : महिला चिकित्सालय में सोमवार को एक जटिल आपरेशन में महिला का सुरक्षित प्रसव कराने के साथ ही साथ महिला के पेट से पांच किलो का ट्यूमर निकाला गया। पिथौरागढ़ जिले में यह अपनी तरह का पहला आपरेशन है।

बेरीनाग तहसील की महिला कविता देवी को प्रसव के लिए महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। महिला का प्रसव कराने के लिए चिकित्सकों को सीजेरियन करना पड़ा। सीजेरियन के दौरान पता चला कि महिला के पेट बड़ा ट्यूमर है। इस क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए जिला चिकित्सालय के सर्जन डा. एलएस बोरा की मदद ली गई।

डा.बोरा के साथ महिला चिकित्सक डा. प्रेमा व डा. सीमा पुनेठा ने महिला के पेट से पांच किग्रा. का ट्यूमर निकाला। आपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा सुरक्षित हैं। चिकित्सकों ने बताया कि आपरेशन काफी जटिल था। पिथौरागढ़ जिले में यह अपनी तरह का पहला आपरेशन है। महिला के परिजनों ने चिकित्सा टीम का आभार जताया है।

उधर भारत में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए अब नेपाल प्रशासन ने पूर्णागिरि धाम के दर्शन के बाद सिद्धनाथ मंदिर के दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगा दी है। इसके चलते श्रद्धालुओं को मायूस होकर लौटना पड़ा। पूर्व में भी कोरोना जाच को लेकर प्रशासन ने पहल की थी तो नेपाल के व्यापारियों ने विरोध जताते हुए इंस्पेक्टर की धुनाई कर दी थी। अब व्यापारी भी सुरक्षा की दृष्टि से कोविड-19 की रिपोर्ट के बाद ही नेपाल में प्रवेश करने की बात कह रहे हैं। भारत में कोरोना महामारी के बढ़ते कदम को देखते हुए पड़ोसी देश नेपाल ने भारतीय श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगा दी है। सोमवार को मा पूर्णागिरि धाम के दर्शन के बाद जब भारतीय श्रद्धालु दर्शन को ब्रहमदेव मंडी स्थित सिद्धनाथ मंदिर दर्शन को जा रहे थे तब नेपाल सीमा पर नेपाली पुलिस प्रशासन व महेंद्रनगर जिला कंचनपुर नेपाल की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें जाने से रोक दिया। उन्होंने कहा कोरोना की रिपोर्ट साथ में लेकर आने के बाद ही सिद्धनाथ मंदिर में दर्शन के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी। इधर परिवार के साथ पहुंचे पीलीभीत के अमित कुमार ने बताया कि वह हर वर्ष मा के दर्शन के बाद सिद्धबाबा के दर्शन को जाते हैं। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उन्हें नेपाल प्रशासन द्वारा वापस भेज दिया गया। इधर एसडीएम हिमाशु कफल्टिया ने बताया कि इस समय कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। भारतीय श्रद्धालुओं को रोके जाने पर उन्होंने कहा कि यह नेपाल प्रशासन का निर्णय है।

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