आमरण अनशनकारी की हालत बिगड़ी

डीडीहाट को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे एक अनशन कारी की हालत बिगड़ गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 10:44 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 10:44 PM (IST)
आमरण अनशनकारी की हालत बिगड़ी
आमरण अनशनकारी की हालत बिगड़ी

संवाद सूत्र, डीडीहाट: डीडीहाट को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे एक अनशनकारी की हालत सोमवार को बिगड़ गई। पुलिस ने अनशनकारी को अनशन स्थल से जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया। इस दौरान धरने में बैठे लोगों ने जमकर नारेबाजी कर आक्रोश जताया। अनशनकारी के अस्पताल में भर्ती होते ही दूसरे अनशनकारी ने मोर्चा संभाल लिया।

डीडीहाट जिले की मांग को लेकर लवी कफलिया और दान सिंह देऊपा पिछले चार दिनों से रामलीला मैदान में आमरण अनशन में बैठे हैं। सोमवार की सुबह दान सिंह देऊपा के स्वास्थ में गिरावट आ गई। अभिसूचना इकाई से मिली जानकारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। दान सिंह देऊपा को पुलिस ने जबरन वाहन में डालकर अस्पताल पहुंचा दिया। चिकित्सकों ने हालत को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया है। उनके स्थान पर शेर सिंह शाही आमरण अनशन में बैठ गए। लवी कफलिया ने चौथे रोज भी अपना आमरण अनशन जारी रखा। सोमवार को पूर्व सैनिकों के साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने धरना देकर आंदोलन को अपना समर्थन दिया।

चीन सीमा से लगे डीडीहाट जिले की मांग 1960 से चल रही है। इसके बाद प्रदेश में कई जिले बनाए गए, लेकिन डीडीहाट की मांग को उपेक्षित रखा है। इस बार क्षेत्र की जनता जिले को लेकर कमर कस चुकी है। -कुंदन सिंह जंगपांगी, पूर्व डीजी

डीडीहाट जिले को क्षेत्र के हर वर्ग का समर्थन है। व्यापारी आंदोलन के लिए कमर कस चुका है। इस बार आंदोलन को मिल रहा समर्थन अभूतपूर्व है। सरकार जल्द डीडीहाट जिले का गठन नहीं करती तो आंदोलन को ओर तेज किया जाएगा। -रजनी कफलिया, उपाध्यक्ष व्यापार संघ

डीडीहाट जिले की छह दशक पुरानी मांग पर सरकार की ओर से अब तक कोई पहल नहीं होना आश्चर्य जनक है। जिले के सभी मानक पूरे करने वाले सीमांत जिले को उपेक्षित किया जा रहा है अब क्षेत्र की जनता इस उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं करेगी।-पार्वती देवी, ग्रामीण

इस बार आंदोलन में मातृ शक्ति पीछे नहीं रहेगी। जरू रत पड़ने पर महिलाएं भी आमरण अनशन में बैठेंगी। जिले का गठन नहीं होने से डीडीहाट क्षेत्र पिछड़ रहा है। छोटे-छोटे कामों के लिए लोगों को पिथौरागढ़ के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। -देवकी नगरकोटी

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