खाद्य प्रसंस्करण यूनिट से नेपाल सीमा के किसान कर सकेंगे आमदनी में इजाफा

भारत-नेपाल सीमा से सटे पीपली क्षेत्र के लोग अपनी उपज का प्रसंस्करण कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 10:07 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 12:38 AM (IST)
खाद्य प्रसंस्करण यूनिट से नेपाल सीमा के किसान कर सकेंगे आमदनी में इजाफा
खाद्य प्रसंस्करण यूनिट से नेपाल सीमा के किसान कर सकेंगे आमदनी में इजाफा

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: भारत-नेपाल सीमा से सटे पीपली क्षेत्र के लोग अपनी उपज का प्रसंस्करण कर सकेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण एवं आयुष यूनिट की स्वीकृति दे दी है। 20 लाख से लगने वाली यह यूनिट इस वर्ष के अंत तक कार्य करने लगेगी।

काली नदी से सटे पीपली क्षेत्र में आम, लीची, अमरू द सहित मडुवा, जौ, सरसों की अच्छी पैदावार होती है। सैकड़ों परिवार खेती और फल उत्पादन से ही अपनी आजीविका चलाते हैं। फसल और फलों को निर्धारित समय के भीतर बेचना किसानों की मजबूरी है। इसी मजबूरी के चलते किसानों को कई बार उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है। इसे देखते हुए क्षेत्र के लोग यहां खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाए जाने की मांग कर रहे थे। किसानों का मानना है कि प्रसंस्करण के बाद किसानों के उत्पादों का मूल्य बढ़ेगा और इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। किसानों की इस जरू रत को देखते हुए विकास खंड कनालीछीना के माध्यम से बॉर्डर एरिया डेवलपेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) के तहत खाद्य प्रसंस्करण एवं आयुष यूनिट लगाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। यूनिट के लिए 20 लाख की धनराशि कनालीछीना विकास खंड को जारी कर दी गई है। जिसको लेकर किसानों के लिए एक अच्छी पहल है। =========== खाद्य प्रसंस्करण एवं आयुष यूनिट के लिए धनराशि स्वीकृत हो गई है। 20 लाख की लागत से यह यूनिट पीपली क्षेत्र में स्थापित की जा रही है। यूनिट लग जाने के बाद किसान अपनी उपज का मूल्यवर्धन कर सकेंगे।

- बालम सिंह बिष्ट, खंड विकास अधिकारी, कनालीछीना

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