गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने 17 किमी दूर डोली से बरम पहुंचाया
रोड सुविधा न होने से आज भी कनार के ग्रामीण मरीजों को डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाने को मजबूर है।
संवाद सूत्र, बरम (पिथौरागढ़) : समुद्र तल से आठ हजार फीट की ऊंचाई पर मोटर मार्ग से सोलह किमी दूर स्थित कनार गांव के लिए अभी भी एंबुलेंस डोली बनी है। गंभीर रोगी हो या गर्भवती महिला सभी को अस्पताल लाने के लिए डोली से सोलह किमी दूर लाना मजबूरी बनी है। एक बार फिर एक गर्भवती महिला को मूसलधार बारिश के बीच सोलह किमी दूर बरम लाना पड़ा ।
बुधवार सुबह कनार गांव निवासी ऊषा पत्नी भूपेंद्र सिंह की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। प्राथमिक उपचार तक सोलह किमी दूर बरम में उपलब्ध है। बरम से कनार तक का मार्ग बेहद खराब है। बीते वर्ष मानसून काल में बरम से कनार तक सोलह किमी मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। एक साल पूरे होने को जा रहा है मार्ग की मरम्मत तक नहीं की गई है। मार्ग की दशा इस दिशा में है कि अकेले पैदल चलना मुश्किल है। उसी मार्ग पर डोली से रोगी को बरम तक लाने की समस्या ऊपर से क्षेत्र में भारी बारिश से समस्या अधिक बढ़ गई।
महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ती जा रही थी। एक बार फिर ग्रामीणों ने डोली का सहारा लिया। गांव के युवा गर्भवती को अपनी जान पर खेल कर भारी बारिश के बीच 16 किमी दूर बरम लाए। बरम पहुंचने के बाद महिला का प्रसव हुआ। जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित ह्रैं। ग्रामीणों ने कनार गांव को सड़क से जोड़ना तो दूर क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग की मरम्मत तक नहीं किए जाने पर रोष जताया है। गांव निवासी प्रेम सिंह, कुशल सिंह का कहना है कि कनार गांव के प्रति शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों का रवैया हमेशा उदासीन रहा है। गांव 28 वर्षों तक अस्कोट कस्तूरा अभ्यारण्य के चलते सड़क से वंचित रहा। अभ्यारण्य की सीमा से बाहर होने के छह साल बाद तक सड़क निर्माण नहीं किया गया है।