पेयजल लाइन मलबे में दबी, दो दिन से आपूर्ति ठप

गंगोलीहाट क्षेत्र की सबसे पुरानी ग्राम समूह पेयजल योजना के पाइन लाइन निर्माणाधीन मड़नाली-भमा संड़क के मलबे में दब गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 10:03 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 10:03 PM (IST)
पेयजल लाइन मलबे में दबी, दो दिन से आपूर्ति ठप
पेयजल लाइन मलबे में दबी, दो दिन से आपूर्ति ठप

संवाद सूत्र, गंगोलीहाट : क्षेत्र की सबसे पुरानी ग्राम समूह पेयजल योजना के पाइप लाइन निर्माणाधीन मड़कनाली-भामा सड़क के मलबे में दब गए हैं। इससे नगर व ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी आबादी की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। जिस कारण क्षेत्रवासियों को विगत दो दिनों से पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

गंगोलीहाट में वर्ष 1962 में ग्राम समूह पेयजल योजना का निर्माण कार्य किया गया। इस योजना से नगर व ग्रामीण क्षेत्र की करीब साढ़े तीन हजार की आबादी को पेयजल आपूर्ति की जाती है, मगर विगत वर्ष से पीएमजीएसवाइ के अंतर्गत मड़कनाली-भामा सड़क निर्माण कार्य के चलते योजना आये दिन बाधित हो जा रही है। वर्तमान में इस सड़क में डामरीकरण कार्य किया जा रहा है। इन दिनों हो रही बारिश के चलते सड़क किनारे मलबा होने के कारण पाइपलाइन दबकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इससे क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। दो दिन बीतने के बाद भी जल संस्थान के कर्मियों को पाइपलाइन में आया फॉल्ट मिल नहीं पा रहा है। जिस कारण क्षेत्रवासियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

इस बीच कोरोना क‌र्फ्यू के चलते क्षेत्रवासी अन्यत्र जाकर प्राकृतिक स्रोतों से वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं कर पा रहे हैं। जल संस्थान द्वारा भी क्षेत्रवासियों को पेयजल आपूर्ति करने के लिए अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। इससे क्षेत्र की जनता की समस्या और अधिक बढ़ गई है। क्षेत्रवासियों ने शीघ्र पेयजल आपूर्ति बहाल करने की मांग की है।

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पीएमजीएसवाइ खंड को पूर्व में भी सड़क निर्माण के चलते क्षतिग्रस्त हुए पाइपलाइन का इस्टीमेट बनाकर भेजा गया था। वर्तमान में सड़क के मलबे से पाइपलाइन दब चुकी है। पाइपलाइन काफी पुरानी होने के कारण फाल्ट भी नहीं मिल पा रहा है। विभागीय कर्मचारी उसे ठीक करने में जुटे हुए हैं। पीएमजीएसवाइ को दोबारा इस्टीमेट भेजा जाएगा।

-रू पेश आर्या, कनिष्ठ अभियंता जल संस्थान।

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जल संस्थान की पाइपलाइन सड़क कटिंग के मलबे से नहीं दबी है। जल संस्थान की ओर से अभी तक ऐसा कोई इस्टीमेट भी नहीं दिया गया है। हालांकि विभाग द्वारा मलबा हटाने के लिए जल संस्थान को डोजर उपलब्ध कराया गया है।

-पंकज उप्रेती, कनिष्ठ अभियंता पीएमजीएसवाइ

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