जिले को बाल विवाह से मुक्त किया जाएगा : डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा

पिथौरागढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला जज डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने महत्वपूर्ण जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:33 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:33 PM (IST)
जिले को बाल विवाह से मुक्त किया जाएगा : डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा
जिले को बाल विवाह से मुक्त किया जाएगा : डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा

जासं, पिथौरागढ़: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला जज डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने कहा है कि जिले से बाल विवाह को पूरी तरह हटा दिया जाएगा। भू्रण हत्या रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। दुष्कर्म पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए हर संभव कार्य होंगे ।

जिला जज डा. जीके शर्मा ने मंगलवार को न्याय भवन में राष्ट्रीय लोक अदालत परिप्रेक्ष्य में पत्रकारों से वार्ता करते हुए लोक अदालत के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में कोई फीस नही होती है। तत्काल फैसले होते हैं। जो अंतिम निर्णय होता है जिसकी अपील तक नहीं की जाती है। लोक अदालत में आपसी सुलह समझौते से निपटाए जाने वाले मामलों में केवल समझौता ही नहीं होता बल्कि आपस में संबंध भी सुधरते हैं। उन्होंने छोटे -छोटे मामलों के लिए लोगों को लोक अदालतों का सहारा लेने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार की आवश्यकता बताई ।

जिला जज ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में कार्यपालिका से विधिक सेवा प्राधिकरण ने कुछ कार्यक्रम चलाने की अनुमति प्राप्त की है। जिसमें नशा मुक्ति , बाल विवाह, भू्रण हत्या और दुष्कर्म पीड़िताओं का पुनर्वास करना है। उन्होंने बताया कि इस क्रम में जिले में नशा मुक्ति केंद्र खोला गया है। नशा करने वालों को इस केंद्र में भर्ती कर नशे की आदत से मुक्त करना है। उन्होंने बताया कि जिले से बाल विवाह को पूरी तरह समाप्त करना हे जिसके लिए प्रयास किए जा रहे है। उनका कहना था कि बाल विवाह बाल तस्करी का एक माध्यम है इसे जड़ से हटाना आवश्यक है। इसके लिए पीएलवी को भी सजग किया जा रहा है।

वार्ता के दौरान जिला जज ने कहा कि भ्रूण हत्या एक अपराध है। इस पर अंकुश पाने के लिए आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएन की मदद ली जाएगी । उनसे क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की जानकारी ली जाएगी और बाद में होने वाली डिलीवरी से इसका पता चलेगा। दुष्कर्म पीड़िताओं के पुनर्वास के संबंध में उन्होने कहा कि इसके लिए एक टीम बनाई गई है। जिसमें कार्यकारी अध्यक्ष वह स्वयं रहेंगे और सीडीओ को अध्यक्ष बनाया गया है। पीड़िताओं को प्रशिक्षित कर उनका पुनर्वास कराना लक्ष्य है। इन सभी कार्यो के लिए प्रचार, प्रसार आवश्यक बताया। ओपी अवस्थी

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