इनरलाइन छियालेख से हटाकर जौलजीबी स्थानांतरित करो

इनरलाइन छियालेख से हटाकर पूर्व की भांति जौलजीबी करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 11:04 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 11:04 PM (IST)
इनरलाइन छियालेख से हटाकर जौलजीबी स्थानांतरित करो
इनरलाइन छियालेख से हटाकर जौलजीबी स्थानांतरित करो

पिथौरागढ़, जेएनएन : चीन व नेपाल से चल रहे विवाद को देखते हुए इनरलाइन छियालेख से हटाकर पूर्व की भांति जौलजीबी करने की मांग जोर पकड़ने लग गई है। क्षेत्रवासियों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी के माध्यम से गृह मंत्री को ज्ञापन भेजकर अविलंब इस ओर ध्यान दिए जाने की मांग की है।

गुरुवार को जिपं सदस्य जीवन ठाकुर के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे क्षेत्रवासियों ने कहा कि सीमांत तहसील धारचूला तीन देशों की सीमाओं पर बसा हुआ है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है। जिसे ध्यान में रखते हुए पूर्व में सरकार द्वारा इस पूरे क्षेत्र को इनरलाइन के अंतर्गत प्रतिबंधित क्षेत्र के रू प में रखा गया था। जिसमें प्रवेश के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती थी। इनरलाइन के अंतर्गत आने से क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अवांछित व संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही पर रोक रहती थी। साथ ही क्षेत्र के लोगों को अपने ही इलाके में व्यवसाय व स्वरोजगार मिलता था, लेकिन वर्तमान में इनरलाइन क्षेत्र से करीब 80 किमी दूर छियालेख में स्थित है। जिस कारण क्षेत्र में खतरा उत्पन्न हो गया है। जिपं सदस्य जीवन ने कहा कि वर्तमान में नेपाल की ओर से कालामुनी, लिपुलेख व लिंपियाधुरा को अपने नख्शे में शामिल किया गया है, जो कि इसी सीमांत तहसील धारचूला का हिस्सा है। इस मुद्दे को हवा देने में और भारत विरोधी माहौल निर्मित करने में भी ऐसे अवांछित तत्वों का हाथ होने की पूरी संभावना है, इसलिए इनरलाइन को छियालेख से हटाकर पूर्व की भांति जौलजीबी बनाना जरू री है। इस संबंध में क्षेत्रवासियों की ओर से जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे के माध्यम से गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में पंकज जेठा, दीपक जोशी, हरीश कुमार, कवि द्विवेदी, अनुराग कार्की, अमित उप्रेती आदि ने हस्ताक्षर किए हैं।

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