पिथौरागढ़ में दिल्ली बैंड और चुपकोट बैंड बने एनएच के नासूर

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-पिथौरागढ्- तवाघाट एनएच 9 में पिथौरागढ़ जिले में में तीस किमी हिस्सा आलवेदर का है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 11:02 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 11:02 PM (IST)
पिथौरागढ़ में दिल्ली बैंड और चुपकोट बैंड बने एनएच के नासूर
पिथौरागढ़ में दिल्ली बैंड और चुपकोट बैंड बने एनएच के नासूर

जासं, पिथौरागढ़ : सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-पिथौरागढ्- तवाघाट एनएच 9 में जिले में तीस किमी हिस्सा आलवेदर का है। शेष 96 किमी मार्ग हाईवे है। आलवेदर सड़क पर घाट के निकट दिल्ली बैंड और चुपकोट बैंड नासूर बने हैं। दिल्ली बैंड पर अब ट्रीटमेंट का कार्य टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट कारपोरेशन करने जा रहा है। स्थल की भूगर्भीय जांच हो चुकी है। जब तक दिल्ली बैंड में ट्रीटमेंट नहीं होता है तब तक ऑलवेदर का सपना अधूरा ही रह जाएगा।

हाईवे में टनकपुर से पिथौरागढ़ 150 किमी सड़क ऑलवेदर सड़क है। ऑलवेदर सड़क में घाट से पिथौरागढ़ तक तीस किमी हिस्सा एनएच के पास है। पिथौरागढ़ से तवाघाट तक 118 किमी सड़क सीमा सड़क संगठन के पास है। एनएच से घाट नामक स्थान पर जिले में प्रवेश करते ही दिल्ली बैंड आता है। दिल्ली बैंड पर एनएच विफल हो चुका है। इस स्थान पर सड़क एनएच के वश से बाहर हो चुकी है। 2019 में पूरा होने वाला ऑलवेदर की दिल्ली बैंड से समय सीमा बढ़ा दी है।

टीएचडीसी करेगी ट्रीटमेंट आलवेदर सड़म से जिले में प्रवेश करते ही सबसे घाट से लगभग एक सवा किमी आगे दिल्ली बैंड आता है। यहां पर पूरा पहाड़ दरक रहा है। मार्ग बंद हो जाता है। यह स्थल कई बार कई दिनों के लिए बंद हो जाता है। यहां पर एनएच कई बार चट्टान काट कर सड़क बना चुका है परंतु सफलता नहीं मिली। बाद में इसके ट्रीटमेंट के लिए टीएचडीसी को आमंत्रित किया गया। टीएचडीसी के भू वैज्ञानिक दिल्ली बैंड का भूगर्भीय सर्वेक्षण कर चुके हैं और रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। पिथौरागढ़ से तवाघाट के मध्य सड़क चौड़ीकरण का कार्य जारी पिथौरागढ़ से तवघाट तक 118 किमी सड़क चौड़ीकरण का कार्य बीआरओ कर रही है। चौड़ीकरण का कार्य अधिकांश हो चुका है। कुछ ही स्थलों पर चौड़ीकरण का कार्य शेष रह चुका है। इस मार्ग पर नए पुल भी बन चुके हैं। इस सड़क का विस्तार लिपुलेख तक होना है। कुछ स्थानों पर अभी भी पुराने पुलों से ही आवाजाही हो रही है। पुराने वैलीब्रिज के स्थान पर बड़े आरसीसी पुल बनने हैं। दिल्ली बैंड के पास टीएचडीसी के भूवैज्ञानिक सर्वे कर चुके हैं। भू वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली बैंड के पास ट्रीटमेंट प्लान चलेगा। ऑलवेदर का अन्य कार्य लगभग पूरा होने के क्रम पर है।

पीएल चौधरी , एई एनएच ओपी अवस्थी

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