पिथौरागढ़ के गुरना में गिरा मलबा, एनएच दो घंटे बाधित

पिथौरागढ़ में मौसम खुलने के बाद भी कहर जारी है। टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच में गुरना मंदिर के पास बुधवार को मलबा गिर गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:43 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:43 PM (IST)
पिथौरागढ़ के गुरना में गिरा मलबा, एनएच दो घंटे बाधित
पिथौरागढ़ के गुरना में गिरा मलबा, एनएच दो घंटे बाधित

जागरण टीम, पिथौरागढ़ : मौसम खुलने के बाद भी कहर जारी है। टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच में गुरना मंदिर के पास मलबा आने से लगभग दो घंटे यातायात बाधित रहा। इस दौरान भारी संख्या में वाहन फंसे रहे। कनालीछीना विकास खंड के कमतोली में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। धारचूला के उच्च हिमालयी दारमा घाटी के अलग-थलग पड़े चल गांव में एक दुकान ध्वस्त हो गई। जौलजीबी- मदकोट -मुनस्यारी मार्ग , तवाघाट -सोबला- तिदांग मार्ग और तवाघाट- गर्बाधार- लिपुलेख मार्ग बंद होने से प्रभावित क्षेत्रों में अभाव की स्थिति पैदा हो चुकी है। जिले में अभी भी 30 सड़कें बंद हैं।

बुधवार को दिन में मौसम साफ रहा । इसी दौरान दोपहर के बाद टनकपुर -पिथौरागढ़ एनएच में घाट से पिथौरागढ़ के बीच गुरना के पास मलबा आने से लगभग दो घंटे यातायात बाधित रहा। एनएच ने मलबा हटाया तब जाकर यातायात प्रारंभ हुआ। जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग के लुम्ती के पास बंद होने और मदकोट - मुनस्यारी के बीच कैंथी बैंड पर मार्ग बंद होने से तहसील बंगापानी और मुनस्यारी के पांच दर्जन गांवों का संपर्क भंग है। इस क्षेत्र में बीते कई दिनों से राशन सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भंग है। ग्रामीण जान हथेली पर लेकर आवाजाही कर रहे हैं। हल्का मौसम खराब होने पर डर रहे हैं। घुरु ड़ी, लुम्ती के पास गोरी नदी का भूकटाव जारी है।

चीन सीमा से लगे दारमा, व्यास और जोहार घाटी का विगत कई दिनों से संपर्क कटा हुआ है। दारमा घाटी में अभी भी लोग मार्ग बंद होने से फंसे हैं। सोबला -दारमा सड़क कई स्थानों पर ध्वस्त है। दारमा घाटी के उर्थिग में रू प सिंह सेलाल की दुकान ध्वस्त हो गई है। दुकान में रखा लाखों रु पये का सामान नष्ट हो गया है। व्यास में तवाघाट- लिपुलेख मार्ग में उच्च हिमालय में गुंजी से छियालेक तक मार्ग खोल दिया गया है। धारचूला की तरफ से तवाघाट के पास बहे मार्ग को खोलने का प्रयास काफी धीमा है। यहां पर पूर्व में वैली ब्रिज बनाने की बात थी परंतु इस समय बीआरओ पत्थर जमा कर रहा है।

विकास खंड कनालीछीना के कमतोली गांव में जयंती देवी के मकान की दीवार ढह गई है। अभी तक राजस्व टीम ने क्षतिग्रस्त मकान का आंकलन नहीं किया है। जयंती देवी ने अपने दिव्यांग पुत्र के साथ दूसरे के मकान में शरण ली है। थल के पतेत गांव में हुए भूस्खलन से डेढ़ सौ वर्ष पुराना देवी मंदिर और धर्मशाला मलबे से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

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