इंजीनियरिग कालेज के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने शुरू की भूख हड़ताल

काम से हटाए गए सीमांत इंजीनियरिग कालेज के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:16 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:16 PM (IST)
इंजीनियरिग कालेज के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने शुरू  की भूख हड़ताल
इंजीनियरिग कालेज के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने शुरू की भूख हड़ताल

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: काम से हटाए गए सीमांत इंजीनियरिग कालेज के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने बुधवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल पर बैठने से पहले कर्मचारियों ने जुलूस निकालकर कालेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

जुलूस की शक्ल में कलक्ट्रेट पहुंचे डेढ़ दर्जन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने नारेबाजी कर अपन आक्रोश जताया। कर्मचारियों ने कहा कि पिछले आठ वर्षो से नाममात्र के मानदेय पर काम कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कालेज प्रशासन ने एक माह पूर्व बाहर का रास्ता दिखा दिया। काम से हटाए जाने से कर्मचारियों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों में कई विधवा महिलाएं हैं, जिनके परिवार का खर्च इसी नौकरी से चल रहा है। अब ऐसे परिवार दाने दाने के लिए मोहताज हो गए हैं। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें उपनल के माध्यम से तैनाती का भरोसा दिया गया था, जो पूरा नहीं हुआ। मजबूर होकर उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। == लोनिवि संविदा कनिष्ठ अभियंताओं की हड़ताल से ठप पड़े विकास कार्य

थल: लोनिवि संविदा कनिष्ठ अभियंताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। कनिष्ठ अभियंताओं की हड़ताल के चलते विभागीय कामकाज ठप पड़ गए हैं। विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। ठेकेदारों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। वहीं, संविदा अभियंताओं ने मांग पूरी होने के बाद ही आंदोलन वापस लेने का एलान किया है।

लोनिवि में संविदा पर तैनात कनिष्ठ अभियंता नियमितीकरण व तदर्थीकरण की मांग को लेकर विगत एक माह से हड़ताल पर चल रहे हैं। कनिष्ठ अभियंताओं की हड़ताल से जहां विभागीय कामकाज ठप पड़े हुए हैं, वहीं आम जनता को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण लोनिवि के पास सड़क निर्माण तेजी से करने का दबाव है, लेकिन कनिष्ठ अभियंताओं की हड़ताल के चलते निर्माण कार्यों पर बुरा असर पड़ रहा है। जो निर्माण कार्य हो चुके हैं, उनकी एमबी नहीं होने से ठेकेदार अपने मजदूरों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। नई सड़कों के लिए डीपीआर व सर्वे कार्य भी नहीं हो पा रहा है। यदि संविदा कनिष्ठ अभियंताओं ने शीघ्र अपनी हड़ताल वापस नहीं ली तो जनप्रतिनिधियों के लिए भी आगामी विधानसभा चुनाव में मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

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