पत्थर की चपेट में आकर बरेली निवासी मजदूर की मौत

तहसील के सुगड़ी क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य में कार्यरत बरेली निवासी एक मजदूर पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आने से मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:46 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:52 PM (IST)
पत्थर की चपेट में आकर बरेली निवासी मजदूर की मौत
पत्थर की चपेट में आकर बरेली निवासी मजदूर की मौत

संसू, गंगोलीहाट: तहसील के सुगड़ी क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य में कार्यरत बरेली निवासी एक मजदूर की पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आने से मौत हो गई है।

सुगड़ी क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य के निकट ही मजदूरों के टिनशेड बनाया गया है। शनिवार अपरान्ह को भारी बारिश के कारण पहाड़ की तरफ से मलबा गिरा और बड़ा पत्थर टिनशेड के पास गिरा। पत्थर वहां पर खड़े 65 वर्षीय मजदूर दफेदार सिंह पुत्र स्व. सोहन सिंह ग्राम अखा, थाना विशारद गंज जिला बरेली उत्तर प्रदेश पर गिरा। पत्थर की चपेट में आने से मजदूर निकट में पड़े लोहे के एंगल से टकराया। उसके सिर, पेट और पैर में गंभीर चोटें आ गई। उसे उपचार के लिए सीएचसी गंगोलीहाट लाए। अत्यधिक रक्तस्राव होने से सीएचसी लाते समय उसकी मौत हो गई। मृतक के शव का पंचनामा भर कर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ भेजा जा रहा है। ======== एक युवक गोरी नदी में बहा

जौलजीबी/ मुनस्यारी: जौलजीबी में एक युवक महेश कुमार 23 वर्ष पुत्र दीवानी राम गोरी नदी में बह गया है। महेश कुमार गोरी नदी किनारे गया था। पैर फिसल कर गोरी नदी में गिर गया। इस समय गोरी पूरे उफान पर है। युवक नदी के बहाव में आकर बह गया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस व स्थानीय लोग युवक की खोजबीन कर रहे हैं। भारी बारिश से गोरी नदी चेतावनी लेवल पर बह रही है। हादसे से चंद मीटर दूर गोरी नदी काली नदी में मिलती है।

मुनस्यारी: गोरी नदी के कटाव से खतरे में आए तल्ला भदेली के निकट रहने वाले 23 परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर रख दिया है। अन्य खतरे में आए परिवारों को भी सुरक्षित स्थान पर रखने की कार्यवाही चल रही है। यहां पर जौलजीबी- मुनस्यारी मार्ग में 27 मीटर सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी है।धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर तवाघाट के निकट चेतलकोट के पास सड़क ध्वस्त हो गई है। कनालीछीना में भी भूस्खलन से मकान खतरे में आ गए हैं। लगातार भूस्खलन होने से खतरा बढ़ता जा रहा है।

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