उपेक्षा से खिन्न वंचित राज्य आंदोलनकारियों में गहराया आक्रोश
चिह्नीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत वंचित राज्य आंदोलनकारी शासन की उपेक्षा से खासे नाराज है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: चिह्नीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत वंचित राज्य आंदोलनकारी शासन की उपेक्षा से खासे नाराज हैं। आंदोलनकारियों ने शनिवार को छठे दिन कलक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन कर धरना दिया।
वंचित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय प्रवक्ता किशोर पाठक की अगुवाई में आंदोलनकारियों ने कलक्ट्रेट के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए कहा कि सरकार चिह्नीकरण के मामले को उलझा रही है। सरकार की मंशा साफ नहीं है। सरकार वास्तव में चिह्नीकरण करना चाहती है तो मानकों में बदलाव कर चिह्नीकरण के लिए अखबारों की कतरन और वरिष्ठ आंदोलनकारियों की संस्तुति को आधार बनाए। आंदोलनकारियों ने शीघ्र मानकों के बदलाव नहीं किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदर्शन करने वालों में सुभाष तिवारी, राजेश्वरी देवी, खीमराज जोशी, उमा पांडेय, कृष्ण वल्दिया, त्रिभुवन जोशी, गौरव सार्की, लक्ष्मण सिंह आदि शामिल रहे। प्रदर्शन के बाद प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। ========== सीटें नहीं बढ़ी तो होगा उग्र आंदोलन
टनकपुर : राजकीय महाविद्यालय में बीए, बीकाम व बीएससी प्रथम वर्ष में प्रवेश न मिलने से विद्यार्थियों में आक्रोश पैदा हो गया है। शनिवार को कालेज में प्रवेश के लिए भीड़ उमड़ी लेकिन सीटें कम होने से अधिकांश छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पाया। आक्रोशित छात्रों ने प्रवेश न मिलने की शिकायत प्राचार्य एसके कटियार से की। उन्होंने इस संबंध में कुलपति के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में 50 फीसद सीटें बढ़ाए जाने की माग उठाई है। छात्रों का कहना है कि प्रवेश न मिलने से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि जल्द ही सीटें नहीं बढ़ाई गई तो छात्र उग्र आदोलन के लिए विवश होंगे। ज्ञापन देने वालों में छात्रसंघ अध्यक्ष त्रिभुवन बेलवाल, विवेक पाडेय, पूर्व छात्र मो. हारून, प्रज्ञा सक्सेना, खुशी सक्सेना, नितिन प्रजापति, दीपक बेलवाल आदि मौजूद रहे।