23 घंटे तक गणाईगंगोली में फंसे रहे 500 यात्री
गणाईगंगोली के मदनपुर में बाधित सड़क 23 घंटे बाद खुल सकी।
संवाद सूत्र, गणाईगंगोली: गणाईगंगोली के मदनपुर में बाधित सड़क 23 घंटे बाद खुल सकी। 500 से अधिक यात्री रात भर फंसे रहे। पीडब्ल्यूडी, पुलिस और राजस्व विभाग के कार्मिकों ने पूरी रात मशक्कत कर सड़क खुलवाई। बुधवार को मार्ग खुलने के बाद यात्री अपने गंतव्य को रवाना हो सके।
दो रोज पूर्व गणाईगंगोली के मदनपुर में मलबा आने से सड़क बाधित हो गई थी। लोक निर्माण विभाग ने बमुश्किल सड़क से मलबा साफ किया तो कुछ ही देर में एक ट्रक दलदल में फंस गया। इससे सड़क फिर जाम हो गई। गणाई गंगोली के साथ ही गंगोलीहाट, बेरीनाग तल्ला जौहार क्षेत्र से आवागमन करने वाले सौ से अधिक वाहन फंस गए। वाहनों में 500 से अधिक यात्री सवार थे। यात्रियों में महिलाओं और छोटे बच्चों की तादात भी खासी अधिक थी। मार्ग खुलवाने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विनोद सिंहा, सहायक अभियंता अनिल कनोजिया, जेई मनीष उप्रेती, नायब तहसीलदार चंद्र सिंह, सेराघाट चौकी इंचार्ज मोहन बोरा दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। सामाजिक कार्यकर्ता गोकुल गंगोला ने मलबा हटाने के लिए अपनी जेसीबी मशीन उपलब्ध कराई। पूरी रात मशक्कत के बाद साढ़े दस बजे सड़क खुल सकी। इसके बाद यात्री अपने गंतव्य को रवाना हो सके। राजस्व उपनिरीक्षक मदन मोहन जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पांडेय ने मार्ग में फंसे यात्रियों के भोजन की व्यवस्था की। भूखे- प्यासे यात्रियों ने इसके लिए क्षेत्रवासियों का आभार जताया। ====== गोशाला में रात बिताने को मजबूर आपदा पीड़ित
पिथौरागढ़: पिछले दिनों आई भीषण आपदा के सात दिन गुजर जाने के बाद भी जनजीवन पटरी पर नहीं आ पा रहा है। आपदा से खोखले हो चुके मकानों में जाने से ग्रामीण डर रहे हैं। कई परिवार गोशाला में जानवरों के साथ अपनी रातें काट रहे हैं। बुधवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची कांग्रेस टीम ने प्रशासन को आपदा पीड़ितों की व्यथा से अवगत कराते हुए ऐसे परिवारों को अविलंब सहायता दिए जाने की मांग की।
डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी रहे कांग्रेस नेता प्रदीप पाल की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आपदा प्रभावित गांव न्वाली, चैनपुर, ढलतोला आदि गांवों का भ्रमण कर आपदा पीड़ितों का हाल जाना। पाल ने बताया कि आपदा के चलते कई मकानों में दरारें आ गई हैं। इन मकानों में रहना अब खतरे से खाली नहीं है। ऐसे परिवारों ने गोशालाओं में शरण ले रखी है। गांवों को जोड़ने वाले पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन मार्गो में आवागमन से दुर्घटनाक आशंका बनी हुई है। गांवों में पेयजल का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने प्रशासन को गांवों की स्थिति से अवगत कराते हुए पीड़ित परिवारों का अविलंब पुनर्वास कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो वे पार्टी कार्यकर्ता आंदोलन को बाध्य होंगे। भ्रमण में ब्लाक अध्यक्ष हेम पांडेय, त्रिलोक बिष्ट, बसंत बोरा, मनोहर राम, राजेश कुमार, दिनेश पांडेय, दीवान पोखरिया, रवि पोखरिया आदि शामिल रहे।