मदकोटवासियों के लिए मुसीबत बन गई 300 मीटर सड़क

मदकोट कस्बे को जोड़ने वाली 300 मीटर सड़क के हालात आठ वर्ष बाद भी नहीं सुधरे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:37 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:37 PM (IST)
मदकोटवासियों के लिए मुसीबत बन गई 300 मीटर सड़क
मदकोटवासियों के लिए मुसीबत बन गई 300 मीटर सड़क

संवाद सूत्र, मदकोट: कस्बे को जोड़ने वाली 300 मीटर सड़क के हालात आठ वर्ष बाद भी नहीं सुधरे हैं। मानसून काल में सड़क की स्थिति बदतर हो गई है। वाहन चालक दुर्घटना की आशंका से सहमे हुए हैं। कई बार मांग करने के बाद भी सड़क की हालत में सुधार के लिए कोई पहल नहीं होने से लोगों में आक्रोश गहरा रहा है।

जौलजीबी-मदकोट सड़क का 300 मीटर हिस्सा वर्ष 2013 में आई आपदा में बह गई थी। कस्बे को जोड़ने लिए नई सड़क काटनी पड़ी। प्रशासन द्वारा काटी गई इस सड़क का स्वामित्व लेने से ग्रिफ ने इन्कार कर दिया था। लंबी जद्दोजहद के बाद ग्रिफ ने सड़क को अपना तो लिया, लेकिन आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी इस कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए कोई पहल नहीं की। लगातार हो रही बारिश से पूरी सड़क मलबे से पट गई है। जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर आवागमन करने वाले वाहनों के पहिये सड़क में धंस रहे हैं। फंसे वाहनों को मलबे से निकालने के लिए चालकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। दुर्घटना की आशंका से परेशान वाहन चालक और स्थानीय जनता कई बार सड़क की हालत सुधारे जाने की मांग कर चुकी है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह ने शीघ्र सड़क की सुध नहीं लिए जाने पर क्षेत्रीय जनता को साथ लेकर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। ======== आपदा से क्षतिग्रस्त भवनों के तत्काल मुआवजे की व्यवस्था करे प्रशासन

पिथौरागढ़: अनुसूचित जाति महिला प्रकोष्ठ ने जिले भर में आपदा से क्षतिग्रस्त भवनों का मुआवजा तत्काल दिए जाने की व्यवस्था किए जाने की मांग की है। प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष सीता भारती की अगुवाई में जिलाधिकारी आनंद स्वरू प से मिली महिलाओं ने कहा कि लगातार हो रही बारिश से जिले में तमाम मकान, गोशाला धराशायी हो गए हैं। नुकसान झेलने वाले लोग गरीब परिवारों के हैं। मकान क्षतिग्रस्त हो जाने से अब ऐसे परिवारों के पास सिर छुपाने की भी व्यवस्था नहीं है। गोशाला ध्वस्त हो जाने से लोगों के समक्ष जानवरों को बांधने की समस्या खड़ी हो गई है। रात में भी जानवर खुले में बांधे जा रहे हैं। महिलाओं ने मांग की कि मकान क्षतिग्रस्त होने पर स्वीकृत होने वाला मुआवजा तत्काल दिया जाए ताकि ऐसे परिवारों की जिंदगी पटरी पर आ सके। जिलाधिकारी से मिलने वालों में राजेश्वरी धामी, भगवती तिवारी, निर्मला आर्या, पूजा धामी, कमला देवी, सरिता, विमला आदि महिलाएं शामिल थीं।

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