नई-नई शोध सूचनाओं को जानना जरूरी : प्रो. एन सिह
कोविड-19 महामारी के इस दौर में शिक्षण और शोध के क्षेत्र में बढ़ी ऑनलाइन रूचि को देखते हुए गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के वनस्पति एवं सूक्ष्म जैविकी विभाग द्वारा मंगलवार को वेबिनार का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : कोविड-19 महामारी के इस दौर में शिक्षण और शोध के क्षेत्र में बढ़ी ऑनलाइन रूचि को देखते हुए गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के वनस्पति एवं सूक्ष्म जैविकी विभाग द्वारा मंगलवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। इसका मुख्य विषय वैज्ञानिक शोध साहित्य को कैसे पढ़ा जाना चाहिए रहा। वेबिनार मे गढ़वाल केंद्रीय विवि के लाइफ साइंस के डीन प्रो. एन सिंह ने कहा कि वेबिनार का शीर्षक ही बहुत महत्वपूर्ण है। पीएचडी कर रहे शोधार्थियों और लघु शोध कार्य कर रहे छात्रों का यह जानना जरूरी है कि शोध क्षेत्रों में निरंतर हो रहे नए-नए शोध, उनमें छिपी सूचनाओं और उनसे प्राथमिक डाटा को कैसे द्वितीय डाटा में परिवर्तित कर शोध से सम्बन्धित नई सूचनाओं को जाना जा सकता। पीएचडी कर रहे छात्रों को इंटरनेट पर उपलब्ध सूचनाओं में सही और गलत सूचना का आंकलन करना भी आना चाहिए।
वेबिनार में उत्तराखंड के साथ ही यूपी, असम, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश के प्रतिभागी शामिल हुए। वेबिनार में प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. एसपी तिवारी, डॉ. बीबी पांडे, डॉ. धनंजय, डॉ. सुधीर, डॉ. सौरभ यादव, डॉ. मनीषा निगम, डॉ. आशा, डॉ. जसपाल, डॉ. प्रशांत, डॉ. विरसन इग्ती, डॉ. एसके सिंह भी शामिल हुए।