सामूहिक सहभागिता से बन रहे 'फील गुड जलाशय'
जागरण संवाददाता कोटद्वार सात दशक पूर्व जिस चौंदकोट क्षेत्र के वाशिदों ने अपने बाजुओं के दम
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: सात दशक पूर्व जिस चौंदकोट क्षेत्र के वाशिदों ने अपने बाजुओं के दम पर महज चार माह में तीस किमी लंबी सड़क बना दी थी, आज उसी क्षेत्र की जनता कुदाल-फावड़े लेकर एक बार फिर उठ खड़ी हुई है। इस मर्तबा आमजन जल संरक्षण के लिए जगह-जगह जलाशय बना रहा है। इन जलाशयों को 'फील गुड जलाशय' का नाम दिया जा रहा है। इन दिनों ग्राम लटिबौ में जलाशय निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है।
चौंदकोट क्षेत्र में फीलगुड जलाशय बनाने की मुहिम 2017 में ग्राम डबरा से शुरू हुई। 25 वर्षों तक दिल्ली में रोजी-रोटी की खातिर यहां-वहां की दौड़ लगाने वाले सुधीर सुंद्रियाल ने घर वापसी की और फील गुड संस्था का गठन कर क्षेत्र में जन सहभागिता से कृषि क्षेत्र में कार्य शुरू किया। क्षेत्र में सिचाई जल की किल्लत को देखते हुए सुधीर ने आमजन की सहभागिता से जगह-जगह जलाशय बनाने का निर्णय लिया। इस मुहिम की शुरुआत उन्होंने अपने ही गांव डबरा से की। अब क्षेत्र में जन सहभागिता से दो दर्जन से अधिक जलाशय बन चुके हैं। बताना जरूरी है कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले डेढ़ वर्षों से कोई जलाशय नहीं खुद पाया। लेकिन, अब जबकि स्थितियां सामान्य हो गई हैं, आमजन एक बार फिर कुदाल-फावड़ा उठाकर जलाशय खोदने की मुहिम में जुट गया है। इस मर्तबा ग्रामीणों ने ग्राम लटिबो में जलाशय बनाने का कार्य शुरू किया। सात सितंबर से शुरू हुई जलाशय खोदने की मुहिम वर्तमान में अंतिम चरण में है। सुधीर बताते हैं कि ग्राम लटिबौ में बन रहा जलाशय पचास फीट लंबा, बीस फीट चौड़ा और पांच फीट गहरा है। बताया कि इससे पूर्व जन सहभागिता से ग्राम घंडियाल में 40 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और चार फीट गहरा जलाशय बनाया गया था। बताया कि जन सहभागिता से कई स्थानों पर चाल-खाल भी बनाई गई हैं।